कार्यों में समयबद्धता व गुणवत्ता का पालन न करने वाली कार्यदायी संस्थाओं को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश
लखनऊ-प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने आज शक्ति भवन में निर्माणाधीन तापीय विद्युत परियोजनाओं व पारेषण इकाईयों की समीक्षा की। बैठक में ऊर्जा मंत्री ने प्रदेश में स्थापित होने वाले तापीय विद्युत परियोजनाओं को निर्धारित समय से चालू करने हेतु कड़े निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश को उत्पादन की दृष्टि से पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिये आवश्यक है कि जो भी परियोजनायें निर्माणाधीन हैं वे समय पर पूर्ण हो। बैठक में हरदुआगंज (1ग्660मे0वा0) जवाहरपुर (2ग्660) ओबरा सी (2ग्660), पनकी (1ग्660), मेजा (2ग्660), तथा घाटमपुर (3ग्660) परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गयी।
समीक्षा के दौरान ऊर्जा मंत्री ने कहा कि परियोजनायें निर्धारित समय से पूरी हो इसके लिये युद्धस्तर पर कार्य किये जायें। किसी तरह की कोई समस्या है उसका समाधान तत्काल कराया जाये जिससे परियोजना में कोई विलम्ब न हो अन्यथा जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाई होगी। उन्होंने परियोजना निर्माण में लगी हुयी संस्थाओं को समय पर भुगतान के निर्देश दिये। उन्होंने ब्वाॅयलर के मैटेरियल आपूर्ति एवं इरेक्शन की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि मैटेरियल आपूर्ति में देरी परियोजनाओं को समय से संचालित न करने की शिथिलता को दर्शाती है। उन्होंने सभी परियोजना प्रमुखों एवं कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए कार्यो में व्यक्तिगत रूचि लेकर जिम्मेदारी व पारदर्शिता के साथ कार्यों को समय से पूरा करें।
ऊर्जा मंत्री ने इसके साथ ही 100 करोड़ से ऊपर की निर्माणाधीन पारेषण इकाईयों की समीक्षा के दौरान गाजीपुर के अधीक्षण अभियन्ता (पारेषण) वीरेन्द्र यादव को निर्माणाधीन इकाईयों के कार्यों में लापरवाही पर प्रतिकूल प्रविष्टि देने व उत्तर पूर्व क्षेत्र के मुख्य अभियन्ता (पारेषण) को मेंटिनेन्स की धीमी प्रगति पर चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी मुख्य अभियन्ताओं को 15 दिन में परियोजनाओं का आकस्मिक निरीक्षण करने, कार्यों में तेजी के साथ इसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्माणाधीन इकाईयों की एप्रोेच रोड, बाउण्ड्री वाॅल, कन्ट्रोल रूम, जीआईएस हाॅल तथा मेन फाउण्डेशन आदि सिविल कार्यों में लापरवाही पर सम्बन्धित अभियन्ताओं के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जो भी कार्यदायी संस्थायें कार्यों में समयबद्धता व गुणवत्ता का पालन नही कर रही उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया जाये।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेन्स की नीति पर चल रही है। सरकार योजनाओं का लाभ लोगों को समय से देना चाहती है। सरकार की मंशानुरूप कार्य करें, सभी कमियों को शीघ्र दूर करे। पूर्व की सरकारों में जैसा चलता था वैसा नही चलेगा। अब कमीशन खोरी नहीं चलेगी। लेन-देन का कारोबार बन्द करना होगा। प्रदेश को आगे ले जाने के लिए कार्य संस्कृति में सुधार करना होगा। जो भी कार्य किया जाये वह स्थायी और टिकाऊ हो।
प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने बैठक को सम्बोधित करते हुये कहा कि सरकार उपभोक्ताओं को निश्चित शिड्यूल के अनुरूप बेहतर बिजली मिले इसके लिये कृत संकल्पित है। यह तभी सम्भव है जब निर्माणाधीन विद्युत उत्पादन एवं पारेषण की परियोजनायें समय से पूर्ण होकर चालू हो जायें, आज की समीक्षा बैठक इसीलिये बुलायी गयी है। उन्होंने कहा कि पारेषण एवं उत्पादन निगम की सभी परियोजनायें युद्धस्तर पर कार्य करके पूरी की जाये। अधिकारी प्रतिदिन कार्यों की प्रगति की समीक्षा करें।
शक्ति भवन में सम्पन्न इस बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, उ0प्र0 उत्पादन निगम के प्रबन्ध निदेशक सेन्थिल पान्डियन सी सहित निर्माणाधीन परियोजनाओं के प्रमुख तथा कार्यादायी संस्थाओं यथा दुसान, तोसीबा, भेल, व सलाहकार एन0टी0पी0सी0 के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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