समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन एक विवादित बयान के कारण सुर्खियों में आ गए हैं। विधायक नाहिद हसन का एक लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह लोगों से भाजपाई दुकानदारों से सामान न खरीदने की बात कह रहे हैं।
विधायक नाहिद हसन अक्सर विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं वहीं इस बार फिर से वायरल वीडियो के बाद चर्चाओं में हैं। रविवार को किए गए इस लाइव वीडियो में विधायक नाहिद हसन ने कहा कि हम सामान खरीदते हैं तो भाजपा समर्थकों की दुकानें चलती हैं, उनका घर चलता है। इसलिए सभी भाइयों से मेरी अपील है कि भाजपा समर्थित दुकानदारों से सामान लेना बंद करें।
नाहिद हसन एक प्रतिनिधि हैं और उनके इस तरह के बयान के बाद लोगों की प्रतिक्रिया आना भी शुरू हो गई है। सोशल मीडिया इस बयान की काफी निंदा की जा रही है। कई लोग नाहिद हसन की सोच पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
वहीं इस संबंध में विधायक नाहिद हसन का कहना है कि उन्होंने कस्बे से उजाड़े जा रहे रेहड़ी-ठेली लगाने वाले गरीब लोगों की आवाज उठाई है। एक साजिश के तहत उनका रोजगार छीना जा रहा है। यह अन्याय वह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वहीं सपा विधायक नाहिद हसन की वीडियो वायरल होने के बाद सियासी हलचल मची हुई है। दरअसल, प्रशासन ने एक माह पूर्व नगर पालिका की सराय वाली भूमि को कब्जा मुक्त कराते हुए वहां पर ठेली वालों के लिए सीसी टाइल्स लगाने का काम किया था।
एक माह पूर्व जब ठेली वाले विधायक के आवास पर इस संबंध में शिकायत लेकर पहुंचे थे। हालांकि तब विधायक उन्हें नहीं मिल सके थे। अब अचानक सपा विधायक नाहिद हसन ने वीडियो वायरल करते हुए भाजपा के व्यापारियों से सामान की खरीदारी नहीं करने का विवादित बयान दे दिया।
उक्त बयान पर भाजपा नेताओं और व्यापारियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा किसान मोर्चा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अनिल चौहान, भाजपा राष्ट्रीय कार्यक्रम के जिला संयोजक संजीव जैन, व्यापारी विपुल जैन, व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिल गुप्ता ने विधायक नाहिद हसन के बयान को माहौल खराब करने वाला बताया।
इस मामले में एसपी अजय कुमार ने अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार श्रीवास्तव को वीडियो की सच्चाई जानने के लिए जांच सौंपी है और 24 घंटे में इसकी रिपोर्ट देने को कहा है।
एसपी का कहना है की जांच में यह जानकारी की जाएगी कि वीडियो कब की है,कहां की है और किन परिस्थितियों में यह बयान दिया है। बयान देने के पीछे उनकी क्या मंशा है। अगर जांच में सांप्रदायिक सौहार्द को क्षति पहुंचाने जैसी कोई बात सामने आती है तो इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।