कारीडोर हेतु 45 दिनों के भीतर भूमि अधिगृहण का कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी-अवनीश कुमार अवस्थी
लखनऊः-उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि उ0प्र0 के विकास को नई गति देने के लिए भारत सरकार द्वारा डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसके फलस्वरूप प्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र में सीमांत, छोटे एवं मझोले (एम0एस0एम0ई0) उद्योगों तथा स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा और भारत की आंतरिक एवं वाह्य सुरक्षा सुदृढ़ होगी। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि कारीडोर के लिए भूमि अधिगृहण की कार्यवाही अंतिम चरण में है।
श्री महाना आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मर्करी हाल में ग्राउण्ड बे्रकिंग सेरेमनी-2 कार्यक्रम में आयोजित डिफेंस एण्ड एअरोस्पेस मैन्यूफैक्चरिंग सत्र में उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों की सुविधा के लिए डिफेंस इंडस्ट्रियल पालिसी बनाई गई है, जिसके माध्यम से जमीन खरीदने पर उद्यमियों को 100 प्रतिशत तक छूट प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। बड़ी संख्या में उद्यमी बुंदेलखण्ड में अपना उद्यम स्थापित करने के प्रति इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि कारीडोर के स्थापना में तेजी लाने के लिए जल्द देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की जायेगी। अगले वर्ष डिफेंस एक्सपों का भी आयोजन किया जायेगा।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि इस पहल से राज्य सरकार को वैमानिकी एवं रक्षा उद्योग हेतु विश्व स्तरीय विनिर्माण हब की स्थापना करने का अवसर मिलेगा। इस परियोजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ ही ढाई लाख रोजगार के अवसर सृजित होने की पूरी संभावना है। इसके अलावा प्रदेश में रहने वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था बनाई जायेगी, ताकि उनकी दक्षता को परिमार्जित किया जा सके और वे प्रदेश के वैमानिकी उद्योग से जुड़ सकें।
अपर मुख्य सचिव, यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि राज्य सरकार ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर की स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये के बजट का प्राविधान किया है। बुंदेलखण्ड क्षेत्र मंे उद्यम स्थापना के लिए विशेष आकर्षक पैकेज बनाये गये हैं। आने वाले 45 दिनों के भीतर भूमि अधिगृहण की कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी। कारीडोर के तहत पहले वर्ष 500 करोड़ तथा दूसरे वर्ष 1200 करोड़ निवेश के लक्ष्य है। उद्यमियों की सुविधा के लिए 24 घंटे विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 90.5 प्रति भूमि का अधिगृहण किया जा चुका है। 24 से 25 माह के भीतर बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य पूरा कराने का लक्ष्य है।
श्री अवस्थी ने कहा कि भारत का विनिर्माण क्षेत्र में उद्भव बहुत उल्लेखनीय रहा है, जिसके फलस्वरूप न केवल बढ़ता हुआ लाभ अर्जित किया गया है, बल्कि विश्व स्तर पर भी इसने उपस्थिति दर्ज कराई है। भारतीय रक्षा क्षेत्र में 3000 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयां सम्मलित है, जिनके द्वारा एअरोस्पेस, एवियानिक्स, हार्डवेयर, प्रौद्योगिकी तथा अन्य उपकरण सरकारी तथा निजी संस्थाओं के द्वारा बनाए जा रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले से ही ख्याति प्राप्त एच0ए0एल0, भारत इलेक्ट्राॅनिक्स तथा आयुध कारखाने कार्यरत हैं। इसके साथ ही प्रदेश में एच0ए0एल0 का डिफेंस (आर0 एण्ड डी0) आर्गनाइजेशन (डी0आर0डी0ओ0) तथा एअरोस्पेस सिस्टम्स एण्ड इक्यूपमेंट आर0 एण्ड डी0 सेंटरर्स (ए0एस0ई0आर0डी0सी0) तथा आई0आई0टी0 कानपुर एवं आई0आई0टी0-बी0एच0यू0 जैसे अनुसंधान संस्थान भी कार्यरत हैं। यू0पी0 डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी तथा चित्रकूट के चारो ओर 5000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है, जिसमें से 3000 हेक्टेयर क्षेत्र को अधिग्रहीत किए जाने की प्रक्रिया प्रगति पर है। चित्रकूट में 101 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत किए जाने के सापेक्ष अब तक 89.93 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत की जा चुकी है। इसी प्रकार झांसी में 861.58 हेक्टेयर के सापेक्ष 761.36 हेक्टेयर भूमि अध्याप्त की जा चुकी है। अलीगढ़ में 45.48 हेक्टेयर कृषि विभाग की भूमि इस कारिडोर के लिए हस्तांतरित किया जाना प्रस्तावित है, जिसका प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है। आगरा में 300 हेक्टेयर भूमि पूर्व से ही यूपीडा के स्वामित्व में है। कारीडोर को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा लगभग 290 किमी0 लम्बे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे की योजना बनाई जा रही है, जो चित्रकूट को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगी। राज्य द्वारा एक आकर्षक रक्षा एवं वैमानिकी नीति लागू की गई है तथा निजी वैमानिकी एवं रक्षा पार्कों के विकास के लिए आकर्षक प्रोत्साहन दिए जाने का प्राविधान किया गया है।
सत्र के दौरान निदेशक डिफेंस एण्ड एअरोस्पेस कर्नल के0वी0 कुबेर, संयुक्त सचिव डिफेंस एण्ड एअरोस्पेस मैन्यूफैक्चरिंग पालिसी आफ इण्डिया (भारत सरकार) संजय जाजू ने रक्षा एंव विमानन क्षेत्र की सम्भावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही पैनेल डिस्कसन के दौरान उद्यमियों की जिज्ञासा को समाधान किया गया।
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