NEW DELHI-सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अयोध्या में विवादित भूमि मामले को कोर्ट के बाहर सुलझाने के लिए बनाए गए मध्यस्थता पैनल ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंप दी है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एफआईआई कलिफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय इस पैनल को 15 अगस्त तक रिपोर्ट देने को कहा गया था। हालांकि, कोर्ट की तरफ से मध्यस्थता पैनल को यह कहा गया था कि वे जल्द से जल्द इस पर रिपोर्ट फाइल करें। इस साल मार्च में पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट के जजलों की बेंच ने कोर्ट के बाहर मध्यस्थता की एक कोशिश का फैसला किया था। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरुआत में इसका विरोध किया, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इसका स्वागत किया था।
सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2012 के उस फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें 2.77 एकर भूमि को निर्मोही अखाड़ा, सुन्ना सेंट्रल वक्फ बोर्ड और राम लला के बीच बांटने का आदेश दिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षत में शुक्रवार को पांच सदस्यीय बेंच इस पर आगे के कदम के बारे में फैसला कर सकती है। इस संवैधानिक बेंच में जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर शामिल हैं। जजों ने इससे पहले यह संकेत दिया था कि अगर मध्यस्थता की कोशिश विफल होती है तो संवैधानिक पीठ के समक्ष दायर अपील पर सुनवाई जारी होगी और यह रोजाना की जाएगी।
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