जम्मू-कश्मीर मे अब होगा एक विधान एक निशान एक प्रधान होगा। इसी बात को लेकर वर्षो पूर्व श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने आन्दोलन किया थां। जम्मू कश्मीर में अनुछेद 370 और 35ए को खत्म कर दिया गया है। बीजेपी नेता राम माधव ने इस मुद्दे पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, सरकार ने सात दशक पुरानी मांग को पूरा कर दिया है। वो सपना जो जम्मू-कश्मीर को एक करने के लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देखा था, जिसके लिए हजारों लोगों ने शहादत दी, आखिरकार वो आंखों के सामने सच हो रहा है।
मुखर्जी ने वर्ष 1953 में दो विधान, दो निशान के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था जो पूरा नहीं हो पाया। अब जाकर वह सपना पूरा हो सका है। जम्मू-कश्मीर के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया परंतु यहां सत्ता में आने वाली सरकारों ने उन्हें वह सम्मान नहीं दिया जो उन्हें मिलना चाहिए था। लखनपुर में परमिट प्रणाली के विरोध में जब मुखर्जी ने विशाल मार्च निकाला था तो उन्हें जम्मू में प्रवेश करने पर यहां की तत्कालीन सरकार ने रोका था। यही नहीं उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें कश्मीर में एक जगह पर कैदी बनाकर रखा गया। अगर सरकार चाहती तो उन्हें लखनपुर से वापस भी लौटाया जा सकता था। लेकिन ऐसा करने के बजाय उन पर जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर 40 दिन तक कारागार में रखा गया।
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