जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में हुई बंद दरवाजे की बैठक में पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। उसे चीन के अलावा किसी देश का साथ नहीं मिला। रूस, इंग्लैंड ने इस मुद्दे पर भारत का साथ दिया। यूएनएससी में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में सिलसिलेवार इससे जुड़े सवालों का जवाब दिया। अकबरुद्दीन ने कहा, "हमारी राष्ट्रीय स्थिति थी और अभी भी यही है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 से संबंधित मामला पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।" सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, "इनमें कोई बाहरी प्रभाव नहीं है, भारत सरकार और हमारे विधायी निकायों द्वारा हाल ही में लिए गए निर्णयों का मकसद है कि यह सुनिश्चित हो सके कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में सुशासन को बढ़ावा मिले, हमारे लोगों का सामाजिक आर्थिक विकास हो।
अकबरुद्दीन ने कहा, हम धीरे-धीरे पाबंदियों को हटा रहे हैं। अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि जबतक आतंक खत्म नहीं होता, पाकिस्तान से बातचीत नहीं होगी। जिहाद की बात करके पाकिस्तान हिंसा भड़का रहा है। उन्होंने कहा कि क्या पिछले 10 दिन में कश्मीर में कोई बड़ी घटना देखी है?
भारत के पक्ष में रूस--यूएन में हुए इस अनौपचारिक बैठक में रूस, ब्रिटेन और अमेरिका भारत के पक्ष में खड़े हुए। रूस ने कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताया। लेकिन चीन ने कहा कि वह कश्मीर के मसले पर चिंतित है क्योंकि यहां के हालात तनावपूर्ण हैं। चीन ने कश्मीर में एकतरफा कार्रवाई से बचने की सलाह दी।
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