लखनऊ--समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। आए दिन लूट, हत्या, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। मुख्यमंत्री के अपराध नियंत्रण के दावे कागजी साबित हो रहे हैं। अपराधी बेखौफ हैं। भाजपा राज में उत्तर प्रदेश ‘हत्या प्रदेश‘ बन गया है। अपराधी राजधानी सहित विभिन्न जेलों से भी अपराधिक गतिविधियां चला रहे हैं जबकि कानून मानने वाले नागरिक का हर दिन डर और आतंक में बीतता है। उन्नाव में उगू नगर पंचायत अध्यक्ष ने अपने विज्ञापन में प्रधानमंत्री जी, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ हत्या, बलात्कार के आरोपी उन्नाव के विधायक की फोटो लगाकर दिखा दिया है कि भाजपा ही अपराधियों की पनाहगाह है।
प्रधानमंत्री ‘बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ‘ का नारा देते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में बेटियां ही सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। उनके साथ बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। भाजपा सरकार में हताशा और कुंठा में बेटियां पढ़ाई छोड़ने और फांसी लगाने को मजबूर कर दिया हैं। 14-15 अगस्त की रात्रि जब देश स्वाधीनता दिवस मना रहा था, प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी राष्ट्र के नाम संदेश दे रहे थे तब रूदौली बाराबंकी के टिकैतराय नगर थाना अंतर्गत पूरे दलई डालमऊ में 16 वर्षीय कंचन यादव पुत्री देशराज यादव की दुष्कर्म के बाद निर्ममता से हत्या कर दी गई।
बिठूर थाना क्षेत्र में एक किशोरी ने बलात्कार के बाद आत्महत्या कर ली। लखनऊ के ठाकुरगंज में एक छात्रा ने परेशान होकर स्कूल जाना ही छोड़ दिया। यही तेलीबाग की एक छात्रा ने भी आत्महत्या कर ली। हाथरस सदर कोतवाली क्षेत्र की एक छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया। सम्भल में नाबालिग लड़की से छेड़खानी की घटना हुई। सम्भल में भी ऐसी घटना हुई। ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाना क्षेत्र में एक महिला को कार से अगवाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। बाराबंकी, जौनपुर आजमगढ़, वाराणसी और गाजीपुर में तमाम अपराधिक घटनाएं घटी है।
अपराधी कितने बेखौफ हैं इसके प्रमाण भी रोज मिल रहे हैं। सहारनपुर के थाना मिर्जापुर में अवैध खनन रोकने पर पुलिस पर जेसीबी चढ़ा दी, इटावा में बदमाशों ने डिप्टी जेलर पर हमला कर दिया। लखनऊ में वायरलेस चैराहे पर एक सिपाही पर बाइक चढ़ा दी। शाहजहांपुर में एसडीएम और सीओ के घर पर लोगों ने हंगामा कर दिया। गाजियाबाद में सब इंस्पेक्टर ने और बिजनौर में सिपाही ने खुदकुशी की।
भाजपा राज में ही सोनभद्र के उम्भा गांव में नरसंहार हुआ। एक संदिग्ध दुर्घटना में चाची और मौसी की जान चली गई। रेप पीड़िता और उसका वकील अभी भी एम्स, दिल्ली में जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहे हैं। आरोपी विधायक की दबंगई तब रूकी जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया।
खेद और क्षोभ का विषय है कि पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक को 15 जून 2019 को दिए गए ज्ञापन में प्रदेश में बढ़ते अपराधों के प्रति चिंता जताई गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। मुख्यमंत्री जी की बात अधिकारी गंभीरता से लेते नहीं। प्रशासन संवेदनाशून्य है। प्रदेश में पूर्ण अराजकता की स्थिति है।
जनता इस अराजकता से ऊब चुकी है। वह जानती है कि समाजवादी सरकार में अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 नं0 और छेड़छाड़ रोकने के लिए 1090 सेवा शुरू की थी। इसे भी भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया। अपराधी इसीलिए निश्चिंत हैं। नागरिकों के जानमाल की सुरक्षा राज्य सरकार का संवैधानिक दायित्व है। भाजपा सरकार अपने दायित्व के निर्वहन में पूर्णतया विफल साबित हुई है। उसने संविधान की ली गई शपथ भी तोड़ी है। यह लोकतंत्र का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुर्भावनापूर्ण अध्याय है।
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