प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए। इनमें देश में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने, गन्ना किसानों को सब्सिडी सीधे खाते में दिए जाने सहित कई फैसलों को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और पीयूष गोयल ने इनकी सिलसिलेवार जानकारी दी। 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के असेवित एवं आकांक्षी जिलों में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। इस पर 24 हजार करोड़ रूपये से अधिक राशि का निवेश होगा। बैठक के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय किया। इससे एमबीबीएस की 15,700 नयी सीट सृजित होंगी।
उन्होंने बताया कि ये सभी मेडिकल कॉलेज वैसे स्थानों पर खोले जायेंगे जहां पहले से कोई चिकित्सा कालेज नहीं है और असेवित एवं आकांक्षी जिले हैं जो विकास में पिछड़ गए हैं। इस प्रस्ताव पर अमल में 24,375 करोड़ रूपये की लागत आयेगी और इन कालेजों की स्थापना 2021-22 तक की जानी है। जावड़ेकर ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में पीजी और एमबीबीएस की 45 हजार सीटें जोड़ी गई हैं और इस अवधि में 82 मेडिकल कालेजों को मंजूरी दी गई थी।
सरकार ने अक्टूबर में शुरू होने जा रहे आगले चीनी विपणन वर्ष के दौरान 60 लाख टन चीनी का निर्यात करने के लक्ष्य के साथ 6,268 करोड़ रुपये की निर्यात सब्सिडी देने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी। सरकार के इस कदम से मिलों को चीनी के अधिशेष घरेलू स्टॉक के निस्तारण और किसानों के गन्ने के बकाये के भुगतान में मदद मिलने की उम्मीद है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमने गन्ना किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मंत्रिमंडल ने वर्ष 2019-20 के लिए 60 लाख टन चीनी के लिए निर्यात सब्सिडी को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि विपणन वर्ष 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी मिलों को कुल मिला कर 10,448 रुपये प्रति टन की सब्सिडी दी जाएगी। जिससे राजकोष पर 6,268 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। उन्होंने कहा कि इससे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के साथ-साथ अन्य राज्यों के लाखों किसानों को फायदा होगा। सरकार, मौजूदा विपणन वर्ष 2018-19 में 50 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है।
सरकार ने बुधवार को एकल ब्रांड खुदरा कारोबार करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)के नियमों में ढील दी। इसके साथ ही देश में अनुबंध पर विनिर्माण कार्य करने और कोयला खनन उत्खनन कारोबार में विदेशी कंपनियों को 100 प्रतिशत निवेश की भी मंजूरी दी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोयला खनन और संबद्ध ढांचागत सुविधा में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये अनुबंध विनिर्माण में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गयी है। इसके अलावा डिजिटल मीडिया में 26 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी गई है। एकल खुदरा ब्रांड में एफडीआई के बारे में मंत्रिमंडल ने घरेलू बाजार से 30 प्रतिशत खरीद की अनिवार्यता से जुड़े नियम की परिभाषा का दायरा बढ़ाया है। साथ ही विदेशी कंपनियों के लिए एकल खुदरा ब्रांड को ऑनलाइन बिक्री शुरू करने से पहले देश में खुदरा दुकान स्थापित करने की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है।
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