नहरों, बांधो पर सोलर पैनल व पवन चक्की लगाकर वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेंत्र में करे सराहनीय योगदान
सूखी नहरों व सिंचाई विभाग की खाली पड़ी भूमि का भी करें व्यवसायिक प्रबंधन
कमाण्ड़ सेंटर से लाइव मोनिटेरिंग की करें पुख्ता व्यवस्था-डॉ0 महेन्द्र सिंह
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लखनऊ-सिंचाई विभाग उ0प्र0 की नहरें किसानों के खेतो की सिंचाई ही नही करती अपितु प्रकृति, पर्यावरण एवं जन- जीवन को भी पोशित करती है। यह विचार डॉ0 महेन्द्र सिंह मा0 जल षक्ति मंत्री, उ0प्र0 सरकार ने आज अपरान्ह 02 बजें सिंचाई विभाग के परिकल्प भवन स्थित कमाण्ड़ व कंट्रोल सेन्टर में आयोजित प्रमुख योजनाओं की प्रस्तुतीकरण समीक्षा के मध्य व्यक्त किये। आपने कहा कि अब वह वक्त आ गया है जब प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के संकल्पो को नवोन्मेशी कार्य संस्कृति अपनाकर साकार करना होगा। आपने कहा कि सिंचाई विभाग के विषाल भू-भाग में फैले नहर तंत्र को और अधिक सुदृण, सषक्त और उपयोगी बनाया जाये इसके लिए नहरों एवं बांधो पर सोलर पैनल सिस्टम व पवन चक्की (विंड-विंन) लगाकार वैकल्पिक ऊर्जा का सृजन कर ऐतिहासिक कीर्तिमान कायम करे।
जल षक्ति मंत्री ने इस विशय पर गहरी चिंता व्यक्त कि सिंचाई विभाग की जमीन पर अनाद्धिकृति कब्जे है इस क्रम में आपने कडे़ निर्देष दिये कि यथाषीघ्र अवैध कब्जों को हटाने की कार्यवायी की जायें। जल षक्ति मंत्री ने सूखी नहरों व विभागीय खाली पड़ी जमीन के व्यवसायिक, प्रबंधन की कार्ययोजना बनाने के लिए भी सख्त निर्देष दिये।
परियोजनाओं के प्रस्तुतीकरण के मध्य यह तथ्य प्रकाष में आया कि प्रधानमंत्री कृशि सिंचाई योजना के अन्तर्गत संचालित 04 योजनाओं में बाण सागर परियोजना पूर्ण हो चुकी है महात्वाकांक्षी मध्य गंगा परियोजना द्वितीय चरण का 60 प्रतिषत कार्य पूर्ण हो चुका है। जल षक्ति मंत्री ने षेश 40 प्रतिषत कार्य को 31 मार्च, 2020 हर दषा में पूर्ण करने के निर्देष दिये। मुख्य अभियन्ता, मध्य गंगा श्री ए0के0 सेंगर ने प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया कि द्वितीय चरण योजना के तहत इस क्षेंत्र के 12 विकास खण्ड़ो में से 11 विकास खण्ड़ डार्क जोन घोशित है इनकी वॉटर रिचार्जजिंग का कार्य इसी योजना के तहत किया जायेगा जो अपने आप में अनूठा होगा।
सरयू नहर परियोजना की समीक्षा के दौरान यह बताया गया कि सरयू में मात्र 13 हेक्टेयर के गैप भू क्रय हेतु रह गये है तथा 6 हजार हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचिन क्षमता में वृद्धि हुई है। प्रमुख अभियन्ता श्री विनोद कुमार ने बताया कि षीघ्र ही लक्षित 10 हजार हेक्टेयर सिंचिन क्षमता बढाने के लक्ष्य को पूर्ण कर लिया जायेगा।
अर्जुन सहायक परियोजना का कार्य लगभग 77 प्रतिषत पूर्ण कर लिया गया है। इस परियोजना के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा करते हुए प्रमुख अभियन्ता/विभागाध्यक्ष ए0के0 श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना से सिंचाई के साथ ही ग्रामीण पेयजल की सुविधा भी उपलब्ध करायी जायेगी। परियोजना के पूर्ण होने पर महोबा के 04 लाख लोगो को स्वच्छ पेयजल प्राप्त हो सकेगा।
प्रमुख सचिव सिंचाई टी0 वेंकटेष ने जल षक्ति मंत्री को विभाग द्वारा संचालित राश्ट्रीय सिंचाई परियोजनों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार, विष्व बैंक तथा नबार्ड के सहयोग से जो परियोजनांए संचालित हो रही है उनकी प्रगति संतोश जनक है। आपने यह भी बताया कि बुंदेलखण्ड़ क्षेंत्र में जल संचयन हेतु नवीन तकनीक आधारित कई योजना षुरू की जा रही है जिनसे पर ड्राप मोर क्राप के उद्देष्य की भी प्रतिपूर्ति होगी। प्रस्तुतीकरण के दौरान विषेश सचिव सिंचाई सारिका मोहन, सुरेन्द्र विक्रम एवं मुष्ताक अहमद सहित मुख्यालय एवं विभिन्न संगठनों के अभियन्ताओं ने प्रतिभाग किया।
प्रस्तुतीकरण के पश्चात जल षक्ति मंत्री ने परिकल्प भवन स्थित विभिन्न प्रकोश्ठो का निरीक्षण कर परिसर को और अधिक आकर्शक एवं अधुनिकतम बनाने के निर्देष देते यह भी अपेक्षा की कि कमाण्ड़ और कंट्रोल सेंटर ने लाइव मोनिटेरिंग की अद्यतन व्यवस्था षीघ्र ही सुनिष्चित की जाये।
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