islamabad-भारत के आंतरिक मामलों में जमकर दखल देने वाले पाकिस्तान में फिलहाल अपने ही संविधान के एक अनुच्छेद पर बवाल मच रहा है। पाकिस्तान के कानून मंत्री द्वारा कराची पर अनुच्छेद 149 (4) को लागू करने के बयान के बाद से पूरे सिंध प्रांत से विरोध की आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं। विपक्ष ने इस बयान को पाक के खिलाफ साजिश बताते हुए कानून मंत्री के इस्तीफे तक की मांग कर डाली है। बता दें कि अनुच्छेद 149 लागू होने से पाक की आर्थिक राजधानी कराची केंद्र शासित क्षेत्र बन जाएगा।
पाकिस्तान के कानून मंत्री डॉ. फरोग नसीम ने शनिवार को कहा कि अनुच्छेद 149 लागू होने से केवल स्थानीय सरकारी व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह कोई ऐसा मामला नहीं है जिसपर विवाद किया जाए। उन्होंने कहा, 'पहले तो मैं सबको संविधान के अनुच्छेद 149(4) के बारे में पढ़ने की सलाह दूंगा। इसमें स्थानीय सरकार को मजबूत करने के अलावा कुछ भी नहीं है और अनुच्छेद 140ए के साथ इसे बढ़ाने के लिए एक व्यवस्था है।'
उन्होंने कहा, 'यह केवल कराची के लिए नहीं होगा, अगर मंत्रालय की सिफारिश सफल रहती है, तो यह सिंध, पंजाब, केपीके और बलूचिस्तान के अन्य शहरों के लिए रास्ता तैयार करेगा। नसीम ने स्पष्ट किया, 'यदि कांडिराव, डिपलो या डाडू की स्थानीय सरकारें मजबूत होती हैं, तो इससे पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) या एमक्यूएम (मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट) को फायदा नहीं पहुंचेगा। यह उनकी अपनी स्थानीय सरकार के लिए फायदेमंद है जो वहां मौजूद है और मैं उनका केस लड़ रहा हूं।'
बता दें कि हाल ही में दिए गए एक साक्षात्कार में कानून मंत्री नसीम ने कहा था कि 14 सितंबर को अपने दौरे में प्रधानमंत्री इमरान खान कराची को संघीय सरकार के नियंत्रण में लाने की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने कहा था, 'कराची को केंद्र सरकार के अधीन करने के लिए अनुच्छेद 149 (4) को लागू करने का सही वक्त आ गया है।' इसे लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ इमरान खान की पार्टी पीटीआई और सिंध में सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच तीखी नोक झोंक शुरू हो गई है।
नसीम ने कहा था कि वो जल्द ही इस योजना को कराची स्ट्रैटिजिक कमिटी के समक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा था, 'ये मेरी निजी राय है और प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से बनाई गई कराची स्ट्रैटिजिक कमिटी के सामने ये प्रस्ताव रखूंगा। अगर मेरे विचार से कमिटी सहमत होगी तो इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। इसके बाद ये उन पर निर्भर करता है कि वो कराची में ये अनुच्छेद लागू करते हैं या नहीं।'
कराची में अनुच्छेद 149 लागू करने की बात पर बीते गुरुवार को बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान सरकार पर आरोप लगाया था कि वह कराची पर कब्जा करने की मंशा रखते हैं। हैदराबाद में एक प्रेसवार्ता में भुट्टो ने कहा था कि पीपीपी सिंध में सत्ता में है और राज्य के खिलाफ किसी भी साजिश को पार्टी स्वीकार नहीं करेगी। भुट्टो ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार कराची को इस्लामाबाद से चलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि आप जुल्म करते रहेंगे, कल बांग्लादेश बना था तो फिर सिंध भी देश बन सकता है।
बिलावल ने कहा, 'एक ओर आप (इमरान खान) कहते हैं कि मोदी ने कश्मीर पर कब्जा कर लिया है और दूसरी तरफ आप खुद कराची पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ आप कहते हैं कि कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन पर दुनिया के हर मंच पर आवाज उठाएंगे और दूसरी तरफ अपने ही मुल्क में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। एक तरफ कश्मीर में जम्हूरियत की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ अपने यहां जम्हूरियत का जनाजा निकाल रहे हैं।'
पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 149 (4) के अनुसार, देश के आर्थिक हितों या शांति के लिए पैदा हुए किसी भी गंभीर खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार किसी प्रांत की शासन प्रणाली को अपने हाथ में ले सकता है। कानून मंत्री नसीम का कहना है कि ये संविधान का एक स्वतंत्र अनुच्छेद है और ये केंद्र सरकार को अपनी कार्यकारी शक्ति का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है। शांति और आर्थिक हालात के लिए गंभीर खतरे की स्थिति में केंद्र प्रांतीय सरकार को दिशा निर्देश जारी कर सकता है।
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