Lucknow-सहभागी सिंचाई प्रवंधन को गुजरात व महाराष्ट्र की कार्य संस्कृति से प्ररेणा लेकर इस क्षेत्र मे उ.प्र. को अग्रणी बनाए ये उद्गार प्रमुख सचिव सिंचाई ने वाल्मी(जल एवं भूमि प्रवंधन संस्थान सिंचाई विभाग) द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला (सहभागी सिंचाई प्रवंधन हेतु व्यवहारिक व दृष्टिकोणात्मक परिवर्तन की आवश्यकता) का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किए आपने कहा कि उत्तम प्रेरणा से सफलता आसान हो जाती है।
विशिष्ट अतिथि के रूप मे बोलते हुए विभागाध्क्ष ए.के श्रीवास्तव ने कहा कि समयवद्व ,सुनियोजित कार्यक्रम बना कर इसे सफल बनाया सिंचाई विभाग की नैतिक जिम्मेदारी है. आपने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि हमारे अनुभवी अधिकारी इसे हर दशा मे सफल बनायेंगे ।
प्रमुख अभियंता परियोजना वी.के .निरंजन ने कहा कि अब सख्ती नहीं सहमति एवं सहभागिता के आधार पर इसे संचालित करना होगा।पैक्ट एवं मध्य गंगा के मुख्य अभियंता ए.के सेंगर ने कार्यशाला मे विशिष्ट अतिथि के रूप मे अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अध्ययन और अनुभव के आधार पर बनायी गई कार्ययोजना कारगर होती है श्री सेंगर ने अभी अपने गुजरात भ्रमण के निष्कर्षो को साझा करते हुए कहा कि हमारे दल मे शामिल भ्रमण दल के अधिकारियों ने यहां आकर अपनी कार्यशैली मे जो नवोन्मेषी परिवर्तन लाए हैं वे उल्लेखनीय हैं। अभियंता प्रभात सिंह एव आनंद ने जल उपभोक्ता समितियों के कार्यक्रमों को अनूठा पन और नवीनता प्रदान कर अनुकरणीय कार्य किया है।कार्यशाला के विषयों पर निदेशक वाल्मी एस.पी.सिंह ने विस्तार से प्रकाश डाला।संचालन एसोसिएट प्रोफेसर/पिम मामलों के विशद जानकर राजेश शुक्ला ने किया ।इस राष्ट्रीय कार्यशाला मे गुजरात एवं महाराष्ट्र के सिंचाई विभाग के अभियंताओं के अतिरिक्त उन्नत शील जल उपभोक्ता समिति के किसानों ने भी अपने अनुभवों को बताया उ,प.की निर्वाचित प्रमुख जल उपभोक्ता समितियों के सदस्यों, एवं सिंचाई व भूमि संरक्षण विभाग के अलावा पेक्ट के विशेषज्ञों ने अपने अनुभवजन्य विचारों को प्रस्तुत किया।
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