lucknow-उत्तर प्रदेश सरकार ने सिंचाई विभाग द्वारा संचालित पम्प, लिफ्ट नहरों तथा सरकारी नलकूपों पर उपयोग की जाने वाली बिजली का मूल्य वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्राविधानित 3050 करोड़ रु0 की धनराशि में से 284 करोड़ रु0 उ0प्र0 पाॅवर कारपोरशन लि0 लखनऊ को अग्रिम भुगतान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा इस सम्बंध में आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को अग्रेतर कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिए गये हैं।
वही दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए प्राविधानित धनराशि 1385.2475 करोड़ रु0 में से 06 अरब रु0 की धनराशि परियोजना के कार्यों पर व्यय किये जाने के लिए प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की है।
इस सम्बंध में आवश्यक शासनादेश प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन टी0 वेकटेश के हवाले से जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना से संबंधित निर्माण कार्य निर्धारित समय में पूरे कराए जाएं। इसके साथ ही अवमुक्त की गई धनराशि के व्यय के मामले में भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
सिंचाई विभाग की एक खबर यह भी है कि राज्य सरकार ने ऊपरी गंगा नहर की मरम्मत, पुर्नस्थापना एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य कराये जाने हेतु 27 और 28 अक्टूबर, 2019 की मध्य रात्रि तक बंद रखने की अनुमति प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि इस नहर को 09और 10 अक्टूबर, 2019 की मध्य रात्रि से बंद किये जाने के निर्देश दिये गये थे।
इस सम्बंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि नहर की बंदी की अवधि के दौरान सभी कार्य गुणवत्तापूर्वक व समयसीमा में कराये जाने का प्रमाण तथा गंगा संगठन के अन्तर्गत नहरों, माइनरों तथा रजबहों की सिल्ट सफाई का विवरण, निकाली गयी सिल्ट की मात्रा, इसकी नीलामी के फलस्वरूप प्राप्त धनराशि तथा राजकोष में जमा की गयी धनराशि का विवरण मुख्य अभियंता (गंगा) मेरठ द्वारा नहर बंदी समाप्ति के एक पक्ष के उपरान्त शासन को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगा।
नहर बंदी की अवधि में कराये गये कार्यों एवं सिल्ट सफाई की पहले एवं बाद की ड्रोन कैमरे से फोटोग्राफी कराते हुए मुख्य अभियंता (गंगा) मेरठ द्वारा सत्यापित कराये जाने के उपरान्त भुगतान की कार्रवाई किये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही नहर की बंदी के सम्बंध में संचार एवं समाचार माध्यमों से स्थानीय किसानों को जानकारी देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराने को भी कहा गया है।
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