प्रशासन और एनजीओ से मांगी मदद
lucknow-अबोध गम्भीर रूप से बीमार बच्ची को भगवान भरोसे छोडकर एक बाप भाग गया। बच्ची पेट की टीबी से जूझ रही है और अभी पीजीआई के डाक्टरो के देखरेख मे है। ज्ञात हो कि बिहार से इलाज कराने की बात कहकर लाया तनुप्रिया साहू का पिता उसे बिहार से लखनऊ पीजीआई ले आयसा। 13 वर्षीय तनूप्रिया को गम्भीर हालत मे पीजीआई में छोड़कर उसका बाप भाग निकला। कई दिनों तक भटकने के बाद पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर ने उसे अपने वार्ड में भर्ती कर खुद के खर्चे पर इलाज शुरू कराया।
जानकारी के अनुसार बिहार के जिला-कोतवाली नवादा के मालगोदाम निवासी संतोष साहू 20 अक्टूबर को पीजीआई में बेटी को दिखाने आया था। यहां वह बेटी से दवा लाने की बात कहकर चला गया। लगभग 20 दिन बाद भी वह नहीं लौटा। तनु रोती बिलखती अकेले पीजीआई में भटकती रही।
मंगलवार को वह पीडियाट्रिक वार्ड में पहुंची। जहां 2016 में उसके पेट का ऑपरेशन हुआ था। वह ऑपेरशन करने वाले पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. बसंत कुमार व वहां के स्टाफ को पहचान गई। उसकी दर्द भरी दास्तां सुनने के बाद डॉक्टर ने उसे वार्ड में भर्ती कर लिया। डॉ. बसंत ने तनुप्रिया से मोबाइल नम्बर लेकर उसके पिता से संपर्क किया, लेकिन वह बेटी को वापस ले जाने की बात पर टालमटोल करता रहा।
शिकायत के चार दिन बीत जाने के बाद भी पीजीआई पुलिस और संस्थान प्रशासन ने किशोरी के मामले में कोई मदद नहीं की। वार्ड के स्टाफ और डॉक्टर परेशान हैं कि तनु को किसकी देखभाल में रखा जाए।
डाक्टरो का कहना है कि हम लोग इलाज कर सकते हैं लेकिन 13 साल की बेटी को किसी के भरोसे अकेले कैसे छोड़ दें। यदि उसके साथ कोई अनहोनी हो गई तो कौन जिम्मेदार होगा? इसके चलते उन्होंने जिला प्रशासन और सामाजिक संगठनों से मदद की अपील की है।
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