लखनऊः-उत्तर प्रदेश सरकार ने सहभागी सिंचाई प्रबंधन अधिनियम 2009 में लिये गये संकल्पों के अनुसार सिंचाई प्रबंधन में किसानों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए इस अधिनियम को कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उत्तर प्रदेश सहभागी सिंचाई प्रबंधन अधिनियम-2009 जनवरी 2011 से पूरे प्रदेश में प्रभावी है।
इस अधिनियम को कड़ाई से लागू करने के लिए प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन श्री टी0 वेंकटेश के हवाले से प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को विगत 20 नवम्बर को परिपत्र जारी करते हुए अधिनियम के विभिन्न प्राविधानों को क्रियान्वित किये जाने की अपेक्षा की गयी है।
इस अधिनियम के अन्तर्गत जल उपभोक्ता समिति की मतदाता सूची तैयार करना, जिसके तहत कुलाबा, अल्पिका एवं राजवाहा स्तर की उपभोक्ता समितियों का गठन व औपचारिक निर्वाचन के माध्यम से किया जायेगा। कुलाबा स्तरीय जल उपभोक्ता समिति को कुलाबा समिति कहा जायेगा। इसके अतिरिक्त अधिनियम के अन्तर्गत किसानों का मोबलाइजेशन, जल उपभोक्ता समितियों का निर्वाचन/गठन तथा सिंचाई प्रबंधन हस्तान्तरण कर जल उपभोक्ता समितियों का संचालन करना आदि कार्य है।
उ0प्र0 सहभागी सिंचाई प्रबंधन (प्रथम संशोधन) नियमावली 2014 के नियम 11 में निहित व्यवस्था के अनुसार जल उपभोक्ता समिति की मतदाता सूची तैयार कराने तथा शांतिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिए जिलाधिकारियों का अपेक्षित सहयोग अनिवार्य है। इसके तहत सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के कर्मियों को पिम के निर्वाचन अवधि में विभिन्न ड्यूटियों एवं बैठकों से मुक्त रखना, मतदाता सूची की प्रगति की समीक्षा, मतदाता सूची तैयार करने एवं पिम के निर्वाचन कार्य हेतु जरूरत के मुताबिक राज्य सरकार के कर्मियों को उपलब्ध कराना तथा मतदान केन्द्र/मतदान स्थल की व्यवस्था करना है।
प्रमुख सचिव ने इन सभी निर्देशों को कड़ाई से पालन करने की अपेक्षा की है।
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