नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हो रहै हैं वहीं इस मामले में फ्रांस ने भारत का समर्थन किया है। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है और हम इसका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि उनका देश धर्म की स्वतंत्रता में विश्वास करता है।
पत्रकारों से बात करते हुए लेनिन ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और जब लोगों के विचारों में टकराव होता है तो वे सर्वोच्च न्यायालय जैसी संस्थाओं से संपर्क कर सकते हैं, जो निर्णय लेने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि किसी भी देश के लिए भारत के घरेलू मामले पर टिप्पणी करना उचित है। हम धर्म की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं और हमारे लिए इस मामले में टिप्पणी करना उचित नहीं है।
इसके साथ ही इमैनुअल लेनिन ने कहा, हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सीट के लिए भारत की मांग का समर्थन करते हैं।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच एफटीए (मुक्त व्यापार क्षेत्र) पर उन्होंने कहा कि हमारी स्थिति स्पष्ट है, हम एफटीए पर चर्चा फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं। इसके लिए एक सार्थक समझौता होना चाहिए।
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