नागरिकता कानून को लेकर विपक्ष लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। जिसके कारण भाजपा लोगों को कानून के बारे में जागरुक करने के लिए रैलियां कर रही है। ऐसी ही एक रैली गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान के जोधपुर में की। जहां उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष पर जमकर हमला बोला। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को आड़े हिथ लेते हुए कहा कि यदि आपने कानून पड़ा है तो चर्चा करने के लिए आ जाइये और अगर नहीं पढ़ा है तो मैं इतालवी भाषा में इसका अनुवाद करके भेज सकता हूं।
अमित शाह ने सावरकर को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर कहा, 'वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस पार्टी वीर सावरकर जैसे महान व्यक्तित्व के खिलाफ बोल रही है। कांग्रेसियों को खुद पर शर्म आनी चाहिए।'कोटा में बच्चों की मौत पर उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा, 'गहलोत जी, नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करने के बजाय, जो बच्चे रोज कोटा में मर रहे हैं, उन पर अपना ध्यान केंद्रित करें, उनके प्रति कुछ चिंताएं दिखाएं, बच्चों की मांएं आपको कोस रही हैं।' गौरतलब है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जो विरोध-प्रदर्शन हो रहा है उससे ध्यान हटाने के लिए सरकार इस मुद्दे को उठा रही है।
शाह ने कहा, ' भाजपा ने देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जनजागरण अभियान का आयोजन किया है। क्यों ये आयोजन करना पड़ा? क्योंकि जिस कांग्रेस को वोटबैंक की राजनीति की आदत पड़ गई है, उसने इस कानून पर दुष्प्रचार किया। यह केवल उन लोगों को नागरिकता प्रदान करने की एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिन्हें पिछले 70 वर्षों से बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया था। इसका वास्तविक उद्देश्य शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करना है, घुसपैठियों को नहीं।'
राहुल पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि राहुल बाबा कानून पढ़ा है तो कहीं पर भी चर्चा करने के लिए आ जाओ। नहीं पढ़ा है तो मैं इतालवी में भी इसका अनुवाद करके आपको भेज देता हूं, उसको पढ़ लीजिए। धार्मिक आधार पर अत्याचार सहने वाले शरणार्थियों के दर्द को लेकर शाह ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों में पिछले कई दशकों से हिंदुओं, सिख, जैन, बौद्ध, इसाई और पारसी लोगों के साथ शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। यहां अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्तन, नरसंहार, बलात्कार और संपत्तियों पर अवैध कब्जा सहना पड़ता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लगभग 20- 20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी हैl आखिर कहां गए वो लोग, या तो वो मार दिए गए या धर्म परिवर्तन हो गया या वो लोग शरणार्थी बनकर अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए भारत आ गए। साल 1951 में भारत में मुस्लिम 9.8 प्रतिशत थे। आज 14.23 प्रतिशत हैं, हमने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। आगे भी किसी के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।'
भाजपा अध्यक्ष ने एक बार दोहराया कि सीएए नागरिकता देने का बिल है, नागरिकता लेने का नहीं। विपक्ष एकजुट होकर सीएए के विषय में अफवाहें फैला रहा हैl इस कानून से अल्पसंख्यकों को रत्ती भर भी नुकसान नहीं होने वाला, क्योंकि ये नागरिकता लेने का नहीं अपितु देने का कानून है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 की जरूरत ही नहीं पड़ती अगर देश का धार्मिक आधार पर बंटवारा न हुआ होता। कांग्रेस की नीतियों के कारण ही देश का धर्म के आधार पर बंटवारा।
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