आजादी के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर बांधों की सुरक्षा जांच के लिए डैम सेफ्टी रिव्यू पैनल गठित
लखनऊ:-सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में पहली बार प्रदेश के अधीन 39 बांधों की पुनस्र्थापना एवं मरम्मत आदि के लिए 1248.60 करोड़ रुपये की सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। यह कार्य जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा विश्व बैंक से वित्त पोषित डैम रिहैबिलिटेशन एण्ड इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट-2 (डी.आर.आई.पी.-2) के तहत प्रारम्भ किया गया है। यह परियोजना दो चरणों में लागू की जायेगी, जिसकी पूरी अवधि 10 वर्ष होगी। इसका फण्डिंग पैटर्न 70ः30 रखा गया है। आजादी के बाद इतने बड़े पैमाने पर बांधों के देखरेख का कार्य शुरू किया गया है। उल्लेखनीय है कि सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में जल शक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह भी बांधों की मरम्मत एवं पुनरोद्धार के निदेश दिये थे।
सचिव जल संसाधन द्वारा 24 जनवरी, 2020 को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रमुख अभियन्ता (परियोजना) सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0 लखनऊ के कार्यालय आदेश द्वारा प्रदेश में डैम सेफ्टी रिव्यू पैनल (डी.एम.आर.पी.) के अध्यक्ष एवं सदस्यों के चयन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति के अध्यक्ष श्री चन्द्र शेखर विश्वकर्मा, मु0अभि0 (परिकल्प), श्री हर प्रसाद मु0अभि0 (बजट) एवं श्री श्याम जी चैबे, निदेशक बांध सुरक्षा प्रकोष्ठ को सदस्य बनाया गया था।
चयन समिति की संस्तुति 31 अक्टूबर, 2019 के आधार पर डी.एस.आर.पी.-1 तथा डी.एस.आर.पी.-2 के अध्यक्ष एवं सदस्यों को कतिपय शर्तों के अधीन नामित किया गया। यह नामांकन पूरी तरह अस्थायी रूप में हैं। इसका नामांकन बिना किसी पूर्व सूचना या कारण बताये विभाग द्वारा निरस्त किया जा सकता है।
डी.एम.आर.पी.-1 के अध्यक्ष/विशेषज्ञ बांध सुरक्षा श्री नरेन्द्र कुमार तथा नित्यानंद राय सदस्य/भूगर्भ जल शास्त्री, श्री चन्द्रेश कुमार जैन, सदस्य/बांध डिजाइन विशेषज्ञ व श्री राकेश चन्द्र शर्मा सदस्य/भूवैज्ञानिक के रूप में नामित किये गये हैं। इसी प्रकार डी0एस0आर0पी0-2 के अध्यक्ष/विशेषज्ञ बांध सुरक्षा श्री एस0मसूद हुसैन तथा सदस्य के रूप में श्री रमेश कुमार गुप्ता, श्री विवेक त्रिपाठी व श्री दिनेश चन्द्र त्रिपाठी को नामित किया गया है।
इन नामित अध्यक्ष एवं सदस्यों को पारिश्रमिक एवं दैनिक भत्ता अध्यक्ष/प्रति सदस्य 5000 रुपये प्रतिदिन देय होगा तथा उ0प्र0 राज्य के मुख्य अभियन्ता स्तर के अधिकारियों के लिए अनुमन्य दरों पर दैनिक भत्ता एवं यात्रा भत्ता देय होगा। पैनल के अध्यक्ष/सदस्य राजकीय गेस्ट हाउस/निरीक्षण भवन व सर्किट हाउस में रूक सकेंगे।
नामित किसी भी अध्यक्ष/सदस्य को डी.एस.आर.पी.-1 एवं डी.एस.आर.पी.-2 में किसी भी कार्यक्षेत्र में आवश्यकता पड़ने पर भेजा जा सकता है। डी.एस.आर.पी.-1 का कार्य क्षेत्र सोन संगठन (वाराणसी) एवं सरयू-2 संगठन (गोण्डा) होगा तथा
डी.एस.आर.पी.-2 का कार्य क्षेत्र बेतवा/बेतवा परियोजना संगठन (झांसी), शारदा संगठन (बरेली) एवं पूर्वी गंगा संगठन (मुरादाबाद) होगा।
सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नामित पैनल द्वारा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0 के नियंत्रणाधीन सभी बड़े बांधों का केन्द्रीय जल आयोग द्वारा जारी गाइड लाइन्स् के अनुसार निरीक्षण व बांध सुरक्षा से संबंधित विस्तार से रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी, जिससे बांधों की वर्तमान स्थिति एवं किसी प्रकार की प्रतिकूलता पाये जाने पर उसके उपचार का सुझाव दिया जा सके।
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