प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश की राजधानी नई दिल्ली में एनसीसी कैटेड्स को संबोधित किए। इस कार्यक्रम में उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। कैडेट्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एनसीसी, देश की युवाशक्ति में संस्कार, दृढ़ निश्चय और देश के देशभक्ति की भावना को मजबूत करने का बहुत सशक्त मंच है। ये भावनाएं देश के विकास के साथ सीधी-सीधी जुड़ी हैं।उन्होंने कहा आज विश्व में हमारे देश की पहचान, युवा देश के रूप में है। देश के 65 प्रतिशत से ज्यादा लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं। देश युवा है, इसका हमें गर्व है लेकिन देश की सोच युवा हो, यह हमारा दायित्व होना चाहिए।
ऐसे लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को रोकने के लिए भारत के पुराने वादे को पूरा करने के लिए आज जब हमारी सरकार CAA लेकर आयी है। कुछ राजनीतिक दल अपने वोटबैंक पर कब्जा करने की स्पर्धा में लगे हैं, आखिर किसके हितों के लिए काम कर रहें ये लोग। स्वतंत्रता के बाद से स्वतंत्र भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों से ये वादा किया था कि अगर उनको जरूरत होगी तो वो भारत आ सकते हैं। यही इच्छा गांधी जी की थी और यही 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते की भी थी।
- दशकों पुरानी समस्याओं की सुलझा रही हमारी सरकार के फैसले पर जो लोग सांप्रदायिकता का रंग चढ़ा रहे हैं, उनका असली चेहरा भी देश देख चुका है और देख रहा है। मैं फिर कहूंगा- देश देख रहा है, समझ रहा है। चुप है, लेकिन सब समझ रहा है।
- बीते 30 वर्षों में भारतीय वायुसेना में एक भी फाइटर प्लेन शामिल नहीं किया गया। अब हमारे पास राफेल जैसे फाइटर प्लेन हैं। -आपकी युवा सोच, आपका युवा मन जो चाहता है, वही हमारी सरकार ने किया। आज दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल भी है और नेशनल पुलिस मेमोरियल भी।
- हमने एक तरफ नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए अभूतपूर्व योजनाओं की शुरुआत की और दूसरी तरफ बहुत ही खुले मन और खुले दिल के साथ सभी के साथ बातचीत शुरू की। बोडो समझौता आज इसी का परिणाम है।
-आज युवा सोच है। युवा मन के साथ देश आगे बढ़ रहा है और इसलिए वह सर्जिकल स्ट्राइक करता है, एयर स्ट्राइक करता है और आतंक के सरपरस्तों को उनके घर में जाकर सबक सिखाता है। इसका परिणाम आप भी देख रहे हैं।
-कश्मीर भारत की मुकुटमणि है। 70 साल बाद वहां से आर्टिकल 370 को हटाया गया। हम जानते हैं कि हमारा पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुका है। हमारी सेनाओं को उसे धूल चटाने में हफ्ते-दस दिन से ज्यादा समय नहीं लगता।
-एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुके हैं। हमारी सेना को 10-12 दिन से अधिक नहीं लगेंगे उन्हें परास्त करने के लिए।
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