सिंचाई विभाग के करोड़ो रुपये की जमीन बिल्डर को देने मे इन्जिनियरो ने उडाई थी खुलेआम कानून की धज्जिया
इन्जिनियरो के करतूत के चलते करोडो की 2.558 हे0 जमीन का मालिक बन बैठा था ओमेक्स
प्रमुख अभिन्यता विभागाध्यक्ष को मामले की कोई जानकारी नही
जलशकित मन्त्री डा0 महेन्द्र सिंह की तत्परता आयी काम,दोषी भेजे गये जेल के सलाखो के पीछे
प्रमोद श्रीवास्तव-
लखनऊ-सिंचाई विभाग की करोडो की जमीन को ओमेक्स बिल्डर को कब्जा कराने के मामले मे 4 सस्पेन्ड 2 के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही,एफआईआर दर्ज शीर्षक से 6 दिसम्बर 2019 को खबर प्रकाशित की थी जिसमे यह बताया गया था कि इस मामले मे कैसे छोटे छोटे कर्मचारियो को बली का बकरा बनाकर जेल भेज दिया गया और मुख्य किरदार निभाने वाले योगेश रावल को पाक साफ बचने का रास्ता दे दिया गया।
इस मामले को लेकर 10 फरवरी को इस संवाददाता ने कैबिनेट बैठक मे जलशक्ति मन्त्री डा0 महेन्द्र सिह से सवाल किया कि सिंचाई विभाग की जमीन को ओमेक्स बिल्डर को देने के मामले जिन लोगो को जेल भेजा गया है वह प्यादे लोग थे असली किरदार निभाने वाले अधिशाषी अभियन्ता योगेश रावल है जिन्होने करोडो रूपये जेब मे रखकर सिंचाई विभाग की जमीन ओमेक्स बिल्डर को दे दी उनके खिलाफ सिर्फ अनुशासनिक कार्यवाही करके उन्हे बचाया जा रहा है।
मन्त्री ने मामले की गम्भीरता को समझते हुये इसे दिखवाने की बात कही थी। जिसका नतीजा यह रहा कि मुख्य अभियुक्त योगेश रावल कल जेल की चारदीवारी के पीछे पहुच गये।
ज्ञात हो कि माफियाओ से मिलकर सिंचाई विभाग की करोडो की 2.558 हे0 जमीन को ओमेक्स बिल्डर को देने के मामले मे सिंचाई विभाग के 4 कर्मचारियो को निलम्बित किया गया और 2 के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिये है। कल्ली पश्चिम लखनऊ स्थित सिंचाई विभाग की भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जा तथा अनियमितता के कारण ओमेक्स के निदेशक तथा 6 सिंचाई कार्मिकों पर एफ.आई.आर.दर्ज हुई थी जिसमे कई को जेल भेज दिया गया था।
इस मामले मे सबसे अहम रोल निभाने वाले योगेश रावल तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता लखनऊ खण्ड-2, शारदा नहर लखनऊ के खिलाफ सिर्फ अनुशासनिक कार्यवाही करके मामले को ठण्डा कर दिया गया था। मगर Express news7 के संवाददाता द्वारा मन्त्री से सवाल पूछने के बाद कल तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता योगेश रावल को गिरफतार कर जेल भेज दिया गया।
प्रमुख अभिन्यता विभागाध्यक्ष को नही पता मामले मे क्या हुआ-
इस मामले मे Express news7 के संवाददाता ने उपरोक्त मामले मे योगेश रावल की भूमिका के बारे मे प्रमुख अभिन्यता विभागाध्यक्ष से जानकारी चाही तो प्रमुख अभिन्यता विभागाध्यक्ष ने कहा कि उनको इस मामले मे कोई जानकारी नही है।
प्रमुख अभिन्यता विभागाध्यक्ष ने कहा कि योगेश रावल के एफआईआर और गिरफतारी के बारे मे कोई जानकारी नही है। सवाल उठता है कि राजधानी मे सिंचाई मुख्यालय से चन्द कदमो की दूरी पर करोडो रूपये की जमीन का बन्दबाट हो गया किस-किस ने किया किस-किस के खिलाफ एफआईआर हुई कौन-कौन गिरफतार हुआ कौन-कौन जेल गया एैसे किसी भी बात की जानकारी प्रमुख अभिन्यता विभागाध्यक्ष को नही है और सरकार कहती है जीरो टालरेन्स है।
जलशकित मन्त्री डा0 महेन्द्र सिंह की तत्परता आयी काम- जलशकित मन्त्री डा0 महेन्द्र सिंह द्वारा मामले को गम्भीरता से लेने के बाद एक तरफ जहाॅ दोषी जेल के सलाखो के पीछे भेजे जा सके वही दूसरी तरफ ओमेक्स बिल्डर से सिंचाई विभाग की करोडो की जमीन वापस ली जा सकी।
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