मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों को नसबंदी का टारगेट देने वाला आदेश वापस ले लिया है। भाजपा ने कमलनाथ के इस आदेश की आलोचना की थी। प्रदेश सरकार ने नसबंदी को लेकर स्वास्थय कर्मचारियों को टारगेट दिया था। सरकार ने कर्मचारियों के लिए हर महीने 5 से 10 पुरुषों के नसंबदी ऑपरेशन करवाना अनिवार्य कर दिया था। सरकार ने कहा था कि अगर कर्मचारी नसबंदी नहीं करा पाते हैं तो उनको नो-वर्क, नो-पे के आधार पर वेतन नहीं दिया जाएगा।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार के आदेश को आपातकाल-2 बताया। पूर्व सीएम ने #MP_मांगे_जवाब के साथ ट्वीट किया, 'मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल है। क्या ये कांग्रेस का इमर्जेंसी पार्ट-2 है? एमपीएचडब्ल्यू के प्रयास में कमी हो, तो सरकार कार्रवाई करे, लेकिन लक्ष्य पूरे नहीं होने पर वेतन रोकना और सेवानिवृत्त करने का निर्णय, तानाशाही है।'
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