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लोकतंत्र में संवाद सबसे सशक्त माध्यम: मुख्यमंत्री

लोकतंत्र में संवाद सबसे सशक्त माध्यम: मुख्यमंत्री

2020-02-29 00:32:16
लोकतंत्र में संवाद सबसे सशक्त माध्यम: मुख्यमंत्री

सदन की कार्यवाही भलीभांति सम्पन्न होने से उ0प्र0 विधान मण्डल की गरिमा बढ़ी: मुख्यमंत्री
विधायक निधि 3 करोड़ रु0 करने का प्रस्ताव
विधायकों के वेतन और भत्तों के सम्बन्ध में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का प्रस्ताव
सरकार सदन में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार: मुख्यमंत्री
लखनऊ:- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में संवाद सबसे सशक्त माध्यम है। विधान सभा सत्र के दौरान सदन में बजट पर सार्थक चर्चा हुई और सदस्यों ने अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखे। प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलना आवश्यक है, तभी विकास के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश का विधान मण्डल देश में सबसे बड़ा विधान मण्डल है। यहां से निकलने वाले मैसेज का देश और दुनिया में सम्मान होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा में नये सदस्यों को अपने विचार व्यक्त करने और सुझाव रखने का पूरा अवसर मिलना चाहिए, ताकि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं से सदन को अवगत करा सकें और विकास कार्यों के सम्बन्ध में अपने सुझाव दे सकें। उन्होंने कहा कि विधान सभा का यह बजट सेशन था, जो बजट चर्चा तक ही सीमित रहता है, परन्तु सदस्यों ने अन्य मुद्दों को भी रखा, जिन पर सार्थक चर्चा हुई। सरकार सदन में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से बजट सत्र में इस सदन ने अपने समय का पूरा सदुपयोग किया। यदि पिछले 15 वर्षों का रिकाॅर्ड देखा जाए तो यह सदन सबसे लम्बी अवधि तक चला। जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति और उसे विकास का लाभ देने के उद्देश्य से भविष्य में सदन की कार्यवाही लम्बी चलायी जाएगी। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष सदन के तीन विशेष सत्र भी बुलाए गए, जो यह दर्शाता है कि राज्य सरकार प्रदेश के सतत विकास के लिए अत्यन्त गम्भीर है। उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद देने, बजट पारित करने सहित सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री जी ने अध्यक्ष विधान सभा से अनुरोध करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही अधिक समय तक चलाने के उद्देश्य से सभी दलों की एक कमेटी गठित की जाए, जो संसद की तर्ज पर विधान सभा की कार्यवाही को समृद्ध बनाने, आवश्यकतानुसार नियमों में संशोधन करने इत्यादि पर विचार करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस प्रकार संसद में सभी मंत्रालयों के बजट पर चर्चा नहीं होती है, कुछ मंत्रालयों पर चर्चा अगर लोक सभा में होती है तो कुछ पर चर्चा राज्य सभा में होती है। शेष अन्य विभागों के बजट को कमेटी की बैठक में चर्चा करके उनके ठोस सुझावों को उसमें शामिल करके सदन के समक्ष रखा जाता है, जिसे सदन स्वीकार करता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने विधान मण्डल की कार्यवाही को भी संसद की समृद्ध परम्परा की तर्ज पर चलानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सदन में अलग-अलग विषयों पर ठोस चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त और संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में विधायक निधि में संशोधन के सम्बन्ध में दलीय नेताओं की कमेटी बनाकर चर्चा के उपरान्त सभी से सुझाव लेकर एक समय सीमा के अंदर कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने विधायक निधि को 03 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों से सम्पादित कराये जाने वाले कार्यों को विधायक निधि के माध्यम से सम्पन्न कराने के लिए इस पर सार्थक चर्चा आवश्यक है, ताकि विधायक निधि को उसके अनुरूप बढ़ाया जा सके। इसमें विभिन्न योजनाओं को आवश्यकतानुसार मर्ज करने पर भी विचार किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विधायक निधि के माध्यम से प्रत्येक विधायक अपने विधान सभा क्षेत्र में एक वर्ष में 50 से 100 करोड़ रुपए तक के कार्य विभिन्न प्रकार की योजनाओं के तहत करवाएगा तो यह उसकी बड़ी उपलब्धि होगी। इनका 05 वर्ष का विस्तृत लेखा-जोखा प्रकाशित करने पर विधान सभा क्षेत्रों में कराए गए विकास कार्यों पर पर्याप्त प्रकाश पड़ सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 03 वर्ष की उपलब्धियों पर पुस्तिका छाप रही है। इसमें सभी विधान सभा क्षेत्रों की उपलब्धियों को भी प्रकाशित किया जाएगा। यदि विधायकगण अपनी विधान सभा की उपलब्धियों को चेक कर भेजेंगे तो इन्हें इस पुस्तिका में शामिल कर प्रकाशित किया जाएगा। सरकार का प्रयास रहेगा कि यह पुस्तिका आगामी 15 मार्च तक प्रकाशित हो जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विधायकों के वेतन और भत्तों के बारे में भी विचार-विमर्श होना चाहिए। उन्होंने इसके लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि इस पर दलीय नेताओं के साथ विस्तार से चर्चा हो, जिसमें विधायकों के वेतन, पेंशन, अन्य भत्तों, टैªवलिंग भत्ते, कूपन सिस्टम इत्यादि शामिल हों। यह कमेटी स्मार्ट कार्ड सिस्टम के उपयोग पर भी विचार करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन की कार्यवाही भलीभांति सम्पन्न होने से उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की गरिमा बढ़ी है। विधान मण्डल की गरिमा हमारी लोकतांत्रिक परम्परा और मूल्यों की गरिमा होती है। विधान मण्डल में चर्चा का स्तर लोकतांत्रिक मूल्यों को समृद्ध बनाता है। इससे लोकतांत्रिक मूल्यों पर आमजन का विश्वास सुदृढ़ होता है।

 


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