लखनऊ स्थित सिंचाई विभाग की जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के लिए 15 मार्च से अभियान चलाया जायेगा
सिंचाई विभाग की जमीनों एवं परिसम्पत्तियों से अवैध कब्जा हटाने के लिए जिलाधिकारी लखनऊ की अध्यक्षता में 05 सदस्यीय टास्क फोर्स गठित
लखनऊः-उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने लखनऊ जनपद में स्थित सिंचाई विभाग की भूमि एवं परिसम्पत्तियों से अवैध कब्जा हटाने के लिए जिलाधिकारी लखनऊ की अध्यक्षता में 05 सदस्यीय टास्क फोर्स गठित करते हुए 15 मार्च से अवैध कब्जा मुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि होली से पहले अवैध कब्जा की गयी जमीनों को चिन्हित करते हुए उन पर बोर्ड लगाया जाये, इसके साथ ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध कब्जादारों की सूची तैयार की जाये और मीडिया में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाये।
जल शक्ति मंत्री आज योजना भवन में सिंचाई विभाग की जमीनों पर किये गये अवैध कब्जे की बारे में विस्तार से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार पूरे प्रदेश में टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा और सिंचाई विभाग की जमीनों और परिसम्पत्तियों को कब्जा मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जायेगा। अवैध कब्जाधारियों को नोटिस देकर विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी और कब्जा किये गये भवनों आदि पर निशान लगाये जायेंगे। उन्होंने अवैध कब्जा करने वालों से अपील किया की सिचंाई विभाग की जमीनों व परिसम्पत्यिों से स्वतः कब्जा हटा ले और विधिक कार्यवाहियों से बचें। उन्होंने साफ तौर पर संदेश दिया कि सिंचाई विभाग की एक-एक इंच जमीन खाली करायी जायेगी।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि यदि कोई विभागीय अधिकारी/कर्मचारी सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कराने में संलिप्त पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख अभियंता सिंचाई को निर्देश दिये कि विभागीय कर्मियों द्वारा या उनके रिश्तेदारों या उनके संरक्षण में कोई अवैध कब्जा करता है तो उसकों चार्जशीट देकर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जा हटाने की शुरूआत छोटे क्षेत्र से की जाये, इसके पश्चात नहरों के किनारे पर अवैध कब्जों, मकानांे आदि का कब्जा हटाया जाया।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि लखनऊ जनपद में सिंचाई विभाग की कुल 821 परिसम्पत्तियां है, जिनका क्षेत्रफल 3822.9164 हे0 है। इनमें से 44 परिसम्पत्तियों पर अवैध कब्जा किया गया है। जिसका क्षेत्रफल 12.6015 हे0 है, प्रथम चरण में 927 अवैध कब्जे चिन्हित किये गये है और आगे भी चिन्हांकन की कार्यवाही जारी रहेगी। इन अवैध कब्जेदारों के नाम और पते सिंचाई विभाग की वेबसाइट ूूूण्पकनचण्हवअण्पद पर अपलोड कर दिया गया है। अधिकांश अवैध कब्जे सदर तहसील, लखनऊ, सरोजनी नगर तथा मोहनलालगंज में किये गये है। इन जमीनों पर पक्के मकान, झुग्गी-झोपड़ी आदि बनाकर अतिक्रमण किया गया है। समीक्षा बैठक में यह भी बताय गया कि पूरे प्रदेश में 1772 परिसम्पत्तियों पर अवैध कब्जे चिन्हित किये गये है।
डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि कब्जा की गयी जमीनों पर स्पष्ट रूप से बोर्ड लगाकर उस पर जमीन का सम्पूर्ण विवरण दर्ज किया जाये। इसके साथ ही 15 मार्च रविवार के दिन से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू की जाये। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के समय सिंचाई विभाग के अधिकारी सबसे पहले पहुॅचे। इसके पूर्व लाल निशान लगाते हुए अवैध कब्जे धारियों के नाम व पते दर्ज कर उनकी सूची बनायी जाये और इसका प्रचार-प्रसार मीडिया में भी किया जाये, जिससे सामाजिक दबाव कब्जाधारियों पर पड़े और वे स्वतः जमीन खाली कर दे। उन्होंने यह भी कहा कि लखनऊ में चिन्हित अवैध कब्जों की जमीनों के अलावा यदि अतिरिक्त जमीन कब्जे में निकलती तो सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधान टी0 वेंकेटेश ने मा0 मंत्री को आश्वस्त किया कि पूरे प्रदेश में अवैध कब्जा की गयी जमीनों को चिन्हित करते हुए उनके द्वारा दिये गये सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जा चिन्हित करने की कार्यवाही पूरे प्रदेश में लगातार की जा रही है। इसके अलावा लगभग 400 करोड़ रूपये की परिसम्पत्तियों को संरक्षित करने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने कहा कि टास्क फोर्स के लिए आवश्यकतानुसार पुलिस फोर्स उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर सिंचाई विभाग के लिए स्थायी रूप से पुलिस की व्यवस्था करा दी जायेगीं। उन्होंने सुझाव दिया की अवैध कब्जा की गयी भूमि के बारे में टास्क फोर्स विधिवत होमवर्क करके, पूरी तैयारी के साथ अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाये।
मण्डलायुक्त लखनऊ मुकेश मेश्राम ने जमीनों को अवैध कब्जे से बचाने के लिए तार बन्दी के साथ ही अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक रणनीति तैयार किये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी, लखनऊ ने अतिक्रमण से सम्बन्धित पूरे अभिलेख व नक्शा आदि कब्जे की सम्पत्तियों पर चस्पा करने के सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान पूरी गम्भीरता से चलाया जायेगा। कब्जा हटाने के लिए जो टास्क फोर्स गठित की गयी है, उसमें सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता कुमार मंगलम, जिला प्रशासन से ए0डी0एम0रामपाल सिंह, एल0डी0ए0 से सुश्री ऋतु सुहास, नगर निगम के अपर आयुक्त, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अजय लंगहे व डी0सी0पी हेडक्वाटर रईस सदस्य के रूप में शामिल किये गये हैं।
इस अवसर पर सचिव सिंचाई अपर्णा यू, विशेष सचिव सिंचाई डा0 सारिका मोहन, प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष ए0के0 श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियन्ता मुख्यालय (अग्रिम नियोजन)एस0के0 गुप्ता, अधिशासी अभियंता एस0पी0 गुप्ता एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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