जल प्रबंधन के क्षेंत्र में सहभागी सिंचाई प्रबंधन मील का पत्थर सिद्ध होगा-एल0 वेंकटेश्वर लू
लखनऊ -टेल प्राथमिकता आधारित जल उपभोक्ता समिति गुजरात की कार्य संस्कृति अंगीकृति करना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यह बात आज दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बक्षी का तालाब, लखनऊ के सभागार में उ0प्र0 वाॅटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना अन्तर्गत जल उपभोक्ता समितियों के अन्तर प्रान्तीय दो दिवसीय कार्यषाला का शुभारम्भ करते हुए पैक्ट के मुख्य अभियन्ता ए0के0 सेंगर ने कही। आपने कहा कि वर्तमान समय में जल संकट को देखते हुए यह आवष्यक है कि भूमि दशा और फसलों के स्वभाव के अनुसार हम फसल चक्र अपनाकर कम जल से अधिक उत्पादन लेने की कार्ययोजना बनायें।
श्री सेंगर ने कहा कि इस दिषा में गुजरात प्रान्त की जल उपभोक्ता समितियों की कार्य पद्यति अनुकरणीय है क्योकि वहाॅ जल उपभोक्ता समितियाॅ आपस में विचार विमर्ष कर ऐसा तालमेल बनाती है जिससे कि पहले टेल की जल उपभोक्ता समितियों को सिंचाई की प्राथमिकता दी जाती है। इससे अन्तिम किसान के खेत तक आसानी से पानी पहुॅच जाता है। तदा्ेपरान्त हेड पर स्थापित जल उपभोक्ता समितियों को सिंचाई हेतु पानी दिये जाने का प्रावधान है। मुख्य अभियन्ता, पैक्ट ने बताया कि इस प्रणाली को लागू करने के लिये उनकी उच्च स्तर पर कार्यवाही प्रस्तावित है। आपने आषा व्यक्त की कि शीघ्र ही उ0प्र0 की जल उपभोक्ता की समितियाॅ इस माॅडल को अपनाकर देष में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त करेंगी।
कार्यषाला की अध्यक्षता करते हुए दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बक्षी का तालाब, लखनऊ के महानिदेषक एल0 वेंकटश्वर लू ने अपने संबोधन में कहा कि जल प्रबंधन के क्षेंत्र में सहभागी सिंचाई प्रबंधन का योगदान मील का पत्थर सिद्ध होगा। महानिदेषक ने कहा कि जल उपभोक्ता समितियों के इस अन्तर्राज्यीय अनुभव संगम कार्यषाला में विभिन्न प्रदेषों के जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान एवं निर्वाचित जल उपभोक्ता समितियाॅ अपने अनुभव साझाकर एक नया निश्कर्श प्रदान करेंगी जो निःसन्देह किसानों की खुषहाली बढाने की दिषा में सराहनीय योगदान होगा।
कार्यषाला में आनन्द गुजरात की सफल जल उपभोक्ता समितियों की कार्यप्रणाली का रोचक प्रस्तुतीकरण डाॅ0 डी0के0 डोबरिया, एसोसिएट प्रोफेसर, वाल्मी आनन्द (गुजरात) द्वारा किया गया। इसी क्रम में महाराश्ट्र के ओझर जल उपभोक्ता संगम के अध्यक्ष श्री कुलकर्णी द्वारा बाघड़ डैम परियोजना पर गठिन जल उपभोक्ता समितियों के कार्यो का प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया गया कि ये समितियाॅ उत्तम फसल चक्र एवं जल प्रबंधन से किसानों की आय दुगनी की दिषा मे प्रयासरत् है। आपने यह भी बताया कि यह समितियाॅ सोलर ड्रायर के माध्यम से फल एवं सब्जियों की प्रोसेसिंग एवं ग्रेडिंग का कार्य भी कुषलतापूर्वक करती है।
कार्यषाला में सर्ड के अपर निदेषक डाॅ0 डी0सी0 उपाध्याय, पैक्ट के अधीक्षण अभियन्ता एवं पिम विषेशज्ञ कुलदीप श्रीवास्तव तथा सर्ड के सहायक निदेषक अषोक कुमार ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यषाला का संचालन प्रषिक्षण समन्वयक नन्द किषोर श्रीवास्तव ने किया।
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