दोषियों के परिवार ने राष्ट्रपति से मांगी थी इच्छामृत्यु
निर्भया गैंगरेप के तीन दोषियों ने फांसी की सजा से बचने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में तीन दोषियों ने फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका दाखिल करने वाले दोषियों में अक्षय, पवन और विनय ने यह याचिका दाखिल की है। आपको बात दें कि नए डेथ वारंट के अनुसार निर्भया गैंगरेप के सभी दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा होनी है। इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने अपने सभी कानूनी उपायों को यह कहते हुए बहाल करने का अनुरोध किया था कि उसके पुराने वकील ने उसे गुमराह किया था। कोर्ट ने कहा कि सभी कानूनी उपायों को बहाल करने का अनुरोध करने वाली निर्भया मामले के दोषी मुकेश सिंह की याचिका विचारणीय नहीं है।
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों के परिवारवालों ने रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी। इच्छामृत्यु मांगने वालों में दोषियों के बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और उनके बच्चे शामिल हैं।
अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने गैंगरेप और हत्या की थी। इस मामले में एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं पीड़िता की कुछ दिनों बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। डेथ वारंट के अनुसार, निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों विनय शर्मा, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा दी जानी है।
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