ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से मांगी थी मदद
कोरोना वायरस का सबसे अधिक प्रकोप झेल रहे अमेरिका को कोरोना से जंग में अब तक कारगर माने जा रहे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात कर भारत ने अपना वादा निभा दिया है। भारत से एंटी मलेरिया दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की एक खेप शनिवार को अमेरिका पहुंची, जिसे कोविड-19 के उपचार के लिए संभावित दवा के रूप में देखा जा रहा है। इस बात की जानकारी अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने दी।
अमेरिका और कुछ अन्य देशों की मदद करने के लिए भारत ने कुछ दिन पहले ही मलेरिया-रोधी इस दवा के निर्यात पर लगा प्रतिबंध मानवीय आधार पर हटा दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर इस हफ्ते की शुरुआत में भारत ने अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 35.82 लाख गोलियों के निर्यात को मंजूरी दे दी। इसके साथ दवा के निर्माण में आवश्यक नौ टन फार्मास्यूटिकल सामग्री या एपीआई भी भेजी गई है।
अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने ट्वीट किया, 'कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हमारे सहयोगियों को हमारा पूरा सहयोग है। भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की खेप आज नेवार्क हवाई अड्डे पर पहुंची।
डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते फोन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिका के लिए मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात को अनुमति देने का अनुरोध किया था, जिसके बाद भारत ने सात अप्रैल को इस दवा के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। भारत विश्व में इस दवा का प्रमुख निर्माता है, जो पूरी दुनिया में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति का 70 प्रतिशत उत्पादन करता है।
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