जलशक्ति मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेन्सिग के जरिये अधिकारियों को निर्देश दियi
बाढ़ से अति संवेदनशील जनपदों के कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा कराया जाये- डाॅ0 महेन्द्र सिंह
ड्रेनों की सफाई इस माह के अन्त तक हर हाल में करायी जाये
लखनऊ-उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने बाढ़ से अति संवेदनशील जनपदों में बाढ सम्बन्धी निर्माण कार्यों में हर स्तर पर समयबद्धता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए सभी कार्य 30 जून से पहले पूरा कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होने कहा है कि प्रदेश में सीतापुर एवं बाराबंकी जनपद बाढ़ की दृष्टि से संवदेनशील हैं, इसलिए बाढ़ से बचाव सम्बन्धी सभी तैयारियां पहले से ही कर ली जायें, ताकि फसलों एवं जन धन की हानि को कम से कम किया जा सके।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से शारदा सहायक एवं शारदा संगठनों से आच्छादित जनपदों के विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जल-भराव की समस्या के समाधान के लिए ड्रेनों की सफाई 30 जून 2020 से पहले कराये जाने के निर्देश दिये।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन एवं उनके द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशों के फलस्वरूप मौजूदा सरकार के कार्यकाल में मानसून के समय सतत् चैकसी बरतने, तटबन्धों पर पेट्रोलिंग करने एवं क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा समितियां बनाकर लगातार समन्वय स्थापित करने से बाढ के प्रकोप को कम करने में मदद मिली है।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में बाढ़ के कटाव के कारण तटबन्धों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के कारण तथा सटीक बाढ़ सम्बन्धी सूचनाओं के कारण, जलप्लवन की स्थिति पर नियन्त्रण स्थापित करने में सफलता मिली है और जन-धन की हानि व फसलों की क्षति लगभग शून्य होने के स्तर तक लाने में कामयाबी मिली है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन की मंशा के अनुरूप कार्यों का सम्पादन सुनिश्चित करें।
विभागीय परियोजनाओं का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर दिन-रात तीन पालियों में कराये जाने के निर्देश देते हुए जलशक्ति मंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों मंे गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए उच्चाधिकारी लगातार स्थलीय निरीक्षण करके कार्यों में गति दें। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्य युद्धस्तर पर पूरे कराये जायें इसमें किसी प्रकार की लापरवाही अथवा उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
प्रदेश के नाबार्ड पोषित बाढ़ परियोजनाओं के कार्य जो अभी शुरू नहीं किये गये हैं उन्हें तीन दिनों में प्रारम्भ कराकर लगातार कार्य कराया जाये। उन्होंने राजकीय नलकूपों एवं लघु डाल नहरों का सघन निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि जरूरत के मुताबिक इन्हें पूरी क्षमता से चलाया जाये। इसके साथ ही तालाबों को भरा जाये।
बाढ़ कार्यों की समीक्षा में पाया गया कि शारदा सहायक संगठन के अन्तर्गत 9 परियोजनाएं स्वीकृत हैं। इसमे से 2 बाराबंकी, 4 सीतापुर, अयोध्या में 2 तथा 1 परियोजना जनपद सुल्तानपुर में संचालित की जा रही है। इन योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। जलशक्ति मंत्री ने निर्देश दिया कि 20 जून 2020 तक सभी कार्य सुरक्षित स्तर तक पूरा करा लिया जाये।
मनरेगा के अन्तर्गत शारदा सहायक संगठन में 603 परियोजनाएं सम्बन्धित जनपदों को सीडीओध्डीसी मनरेगा को भेजी जा चुकी है। इनकी अनुमानित लागत 21.18 करोड़ रूपये है, इन परियोजनाओं से 10.27 लाख मानव दिवस सृजित होंगे। जलशक्ति मंत्री ने सभी जनपदों की परियोजनओं को शीघ्र स्वीकृत कराते हुए कार्य प्रारम्भ कराने के निर्देश दिये ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिल सके।
जलशक्ति मंत्री ने सिंचाई विभाग की जमीनों, नहरों तथा अन्य सम्पत्तियों पर किये गये अवैध कब्जों को हटाने के कड़े निर्देश दिये। उन्होंने जनपद सीतापुर में तीन नालों की सफाई का कार्य कल से शुरू कराये जाने के निर्देश दिये। इस वीडियो कान्फ्रेन्सिग में अधिशासी अभियन्ता स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया।
वीडियो कान्फ्रेन्सिग में सचिव, सिंचाई, श्रीमती अपर्णा यू, प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष,ए0के0 श्रीवास्तव, प्रमुख अभियन्ता परिकल्प एवं नियोजनए0के0 सिंह, मुख्य अभियन्ता (आई0एस0ओ0 संगठन) नवीन कपूर के अलावा संतोष कुमार सिंह,आर0के0 जैन, आनन्द कुमार तथा रामेश्वर कुमार मिश्रा आदि अधीक्षण अभियन्ता गण उपस्थित रहे।
दूसरी तरफ सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में जनपद गोरखपुर में सोनवा नाला पर सेक्शन सुधार और एक नये हेड रेगुलेटर के निर्माण के लिए 143.94 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान करते हुए, प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन उत्तर प्रदेश लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा 1 जून 2020 को जारी शासनादेश में कहा गया है कि बाढ़ कार्यों हेतु राज्य सेक्टर में निर्धारित परिव्यय के अन्तर्गत परियोजनाओं पर धनराशि स्वीकृत की जाये। इस धनराशि से कराये गये कार्यों में समयबद्धता एवं गुणवत्ता की जिम्मेदारी प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारियों की होगी। प्रमुख अभियन्ता को यह भी निर्देश दिये गये हैं कि कार्य एवं फण्डिग में डुप्लीकेसी न हो ।
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