समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि गांव-देहात और छोटे शहरों-कस्बों से बड़े-बड़े सपने लेकर शहरों में पढ़ाई और नौकरी की तलाश में आने वाले छात्रों, नौजवानों को समय से मदद की सख्त जरूरत है। समाजवादी पार्टी की सरकार में भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त करने के लिए उन तक लैपटाप पहुंचाए थे। आज भी ये लैपटाप चल रहे हैं जबकि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा करके भी मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटाप से वंचित रखा हैं।
भाजपा को अपनी सत्ता के प्रदर्शन का खासा शौक है इसलिए भाजपा ने कोरोना बीमारी पर जीत हासिल करने की जगह चुनाव की पवित्रता नष्ट करने के लिए जंगल के पेड़ों तक पर एलईडी लगवा दी। बिहार-बंगाल में भाजपा ने अपनी वर्चुअल रैली में ढाई सौ करोड़ रुपये से ज्यादा रकम क्यों अपव्यय किया? जब पूरे देश में महामारी का आतंक है और संक्रमण के शिकार तमाम लोग अपनी जान गंवा चुके हैं तब भी भाजपा हर वक्त चुनाव की चिंता में रहती है।
उसकी पूरी राजनीति इन दिनों में भी चुनावी स्वार्थ परक रणनीति बनाने तक सीमित हैं। यही दिशा और सोच का अंतर है। समाजवादी पार्टी ने सरकार से मांग की है कि वह आपदाग्रस्त किसान परिवारों, श्रमिक परिवारों और कोरोना पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये की मदद दे।
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