परियोजना से सम्बंधित सभी निर्माण कार्य 30 जून 2020 तक पूरे किये जाएं-सचिव सिंचाई
मानक के अनुरूप कार्य न करने वाले फर्मों के विरूद्ध कार्यवाही होगी-सचिव सिंचाई
लखनऊ:-सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन श्रीमती अपर्णा यू0 ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बाढ़ से निपटने के लिए मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करते हुए बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली को और कारगर तथा सक्षम बनाया जाय।
सचिव सिंचाई एवं अध्यक्ष पैक्ट शनिवार को यूपी प्रोजेक्ट कारपोरशन लि0 लखनऊ के सभागार में पैक्ट (यूपीडब्ल्यूएसआरपी) की समीक्षा बैठक कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की सहायता से बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली राप्ती नदी पर स्थापित की गई है। इस प्रणाली को प्रभावी तथा कारगर बनाकर सम्भावित बाढ़ की सूचना से समय रहते तैयारी करके बाढ़ की विभिषिका से बचाव करते हुए भारी जन-धन व फसलों की हानि को कम से कम किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस कार्य को पूरी प्रतिबद्धता तथा प्राथमिकता के साथ किये जाने की आवश्यकता है।
श्रीमती अपर्णा यू0 ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि नहर प्रणालियों की व्यवस्था को किसानों को सौंपने के उद्देश्य से निर्वाचित 1345 जल उपभोक्ता समितियों को प्रभावी बनाया जाय। इसके साथ ही कोरोना सम्बंधी दिशा निर्देशों को पालन किये जाने के लिए भी किसानों को जागरूक किया जाय।
उन्होंने किसानों को आनलाइन प्रशिक्षण तथा ओरिएन्टेशन कार्य शुरू करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि इन समस्त गतिविधियों को विभागीय वेबसाइट पर अपलोड भी कराया जाय।
अध्यक्ष पैक्ट ने यह भी निर्देश दिये कि परियोजना के घटक कृषि/एफ0ए0ओ0 द्वारा संचालित किसान सिंचाई पाठशालाओं को भी जल उपभोक्ता समितियों के साथ जोड़ा जाय जिससे किसानों को तकनीकी ज्ञान के साथ व्यवहारिक जानकारी प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कृषि एवं जल प्रबन्धन के माध्यम से उत्पादकता को बढ़ाकर किसानों की आमदनी दोगुना किये जाने का जो संकल्प लिया गया है, उसको पूरा कराने का हर सम्भव प्रयास करें।
सचिव सिंचाई ने परियोजना क्षेत्र के संगठनवार नहरों के सुदृढ़ीकरण व निर्माण कार्य की गहन समीक्षा करते हुए सम्बंधित मुख्य अभियन्ताओं को निर्देशित किया कि निर्माण व मरम्मत सम्बंधी सारे कार्य 30 जून तक पूरे कर लिये जाएं।
उन्होंने साफ तौर से कहा कि समयबद्धता और गुणवत्ता के मानकों का पालन न करने वाली फर्मों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाय।
अध्यक्ष पैक्ट ने परियोजना के तीसरे चरण के सृजन के लिए अधिकारियों को पूरी तैयारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर कारगर एवं व्यवहारिक परियोजना प्रस्ताव बनाएं जिससे जल का समुचित उपयोग एवं बेहतर प्रबंधन करते हुए प्रदेश के कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सके। उन्होंने स्वारा द्वारा प्रस्तुत नदियों के बेसिन प्लान की समीक्षा भी की।
बेसिन प्लान की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि गोमती, गण्डक, राप्ती, रामगंगा एवं घाघरा का प्लान अनुमोदित किया जा चुका है अवशेष गंगा, जमुना व सोन नदियों के बेसिन प्लान का कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि बेसिन प्लान के सम्बंध में जो भी बेहतर कार्य हो सकता है, उसे पूरी लगन एवं निष्ठा के साथ किया जाय। उन्होंने कहा कि कार्य में किसी प्रकार की उदासीनता को गम्भीरता से लिया जायेगा।
मुख्य अभियन्ता पैक्ट वारिस रफी ने परियोजना की विभिन्न कार्यदायी संगठनों की प्रगति की प्रस्तुतिकरण करते हुए बताया कि कार्य में तेजी लाने के लिए विश्व बैंक दल द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। कृषि/एफ0ए0ओ0 के सहयोग से कुलाबा/अल्पिका स्तर पर स्थापित 4000 किसान सिंचाई विद्यालयों एवं जल उपभोक्ता समितियों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने के लिए पिम विशेषज्ञ एवं कृषि विशेषज्ञ प्रयासरत हैं।
प्रस्तावित आनलाइन प्रशिक्षण में किसान विद्यालयों को भी जोड़ा जायेगा जिससे दोनों संस्थाओं के सामूहिक प्रयास से अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने सचिव सिंचाई को आश्वस्त किया कि आज की बैठक में दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराया जायेगा और उनकी अपेक्षा के अनुरूप परिणाम देने का पूरा प्रयास किया जायेगा। इस अवसर पर पैक्ट के विशेषज्ञगण तथा अभियन्ता एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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