डीआई एसटीएफ अनन्त देव का किया गया स्थानान्तरण भेजा गया पीएसी
शहीद सीओ की बेटी वैष्णवी ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
kanpur-कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या की जांच में लखनऊ की आईजी लक्ष्मी सिंह को भी लगा दिया गया है।
दूसरी तरफ शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा के पत्र लिखने के बाद भी तत्कालीन एस.एस.पी अन्नत देव द्वारा कार्यवाही न किये जाने को भी सरकार ने काफी गम्भीरता से लेते हुये उन्हे डीआई एसटीएफ के पद से हटाते हुये डीआईजी पीएसी मुरादाबाद स्थानान्तरण कर दिया है।
सोमवार को शहीद सीओ की एक चिट्टी ने सनसनी फैला दी थी। यह पत्र शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र ने 14 मार्च को तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव को लिखा था। इसमें साफ उल्लेख था कि चैबपुर थानेदार विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध है। एक दुर्दांत अपराधी के प्रति उनकी सहानुभूति सत्यनिष्ठा को संदिग्ध करती है। यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी पत्र में यह भी लिखा गया कि विकास के खिलाफ दर्ज एक मुकदमे से तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी ने वसूली के लिए धमकी की धारा 386 हटा दी थी।
पत्र वायरल होने के बाद जांच शुरू हुई। पुलिस कार्यालय के रिकार्ड देखे गए लेकिन वहां तक चिट्ठी पहुंची नहीं। चैबेपुर थाने के दरोगा से पूछताछ और रिकार्ड से यह साबित हो गया कि चिट्ठी में लिखी सभी बातें सही हैं। मुकदमे से धारा हटाई गई, दरोगा ने स्वीकार किया कि थानेदार के कहने पर हटाईं। अब इसी मामले की जांच आईजी लखनऊ कर रही हैं। पुलिस कार्यालय के रिकार्ड देखे गए लेकिन वहां तक चिट्ठी पहुंची नहीं। चैबेपुर थाने के दरोगा से पूछताछ और रिकार्ड से यह साबित हो गया कि चिट्ठी में लिखी सभी बातें सही हैं। मुकदमे से धारा हटाई गई, दरोगा ने स्वीकार किया कि थानेदार के कहने पर हटाईं। अब इसी मामले की जांच आईजी लखनऊ कर रही हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल रिपोर्ट के मुताबिक देवेंद्र मिश्र ने 14 मार्च को चैबेपुर थाने का निरीक्षण किया था। उन्हें पता चला कि 13 मार्च को विकास के खिलाफ वसूली के लिए धमकी, बलवा, मारपीट, जान से मारने की धमकी के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी। जांच दरोगा अजहर इशरत को सौंपी गई। अगले ही दिन अजहर ने जान से मारने की धमकी देने की धारा 386 हटा दी। सीओ ने इसका कारण पूछा तो अजहर ने बताया कि थानेदार के कहने पर धारा हटाई गई। इस पर तत्काल सीओ ने थानेदार विनय तिवारी के खिलाफ एसएसपी को रिपोर्ट भेजी। इसमें लिखा कि एक दबंग कुख्यात अपराधी के विरुद्ध थानाध्यक्ष द्वारा सहानुभूति रखना व अब तक कार्रवाई न करना सत्यनिष्ठा को संदिग्ध करता है। यदि थानेदार के खिलाफ कार्रवाई न की गई तो गंभीर घटना हो सकती है।
शहीद सीओ की बेटी वैष्णवी ने वायरल रिपोर्ट पर कहा कि इस मामले में शासन को उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए। उसने कहा कि पिता के कातिलों को ऐसे नहीं जाने दिया जा सकता। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वह सरकार से जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग करती है।
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