आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम का शुभारम्भ एक एतिहासिक कदम - डा0 महेन्द्र सिंह
मुरादाबाद-प्रदेश के जल शक्ति मंत्री/जनपद प्रभारी मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश आपदा को अवसर में बदलने में सफल रहा है। संकट में साहस और सूझबूझ दिखाने वाले को सफलता मिलती है। राज्य सरकार और प्रदेशवासियों ने जो साहस और सूझबूझ दिखायी, उससे आपत्ति के समय में भी उत्तर प्रदेश सफलतापूर्वक आगे बढ़ा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उनकी पूरी टीम चाहे जनप्रतिनिधि हों या कर्मचारी हों सभी ने सराहनीय कार्य किया है। सभी ने मिलकर प्रदेश को जिस मुश्किल स्थिति में संभाला है, आने वाली पीढ़ियां उस पर गर्व करेंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार सबका साथ-सबका विकास- सबका विश्वास के स्वर्णिम सिद्धान्त पर प्रतिबद्ध एवं निरन्तर क्रियाशील है।
जनपद प्रभारी मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने यह विचार आज लखनऊ से जूम ऐप के माध्यम से आयोजित प्रेस वार्ता के माध्यम से सम्बोधन में व्यक्त किये। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि श्रम की महत्ता से हम सभी परिचित हैं। ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ से ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ को प्रेरणा मिली। राज्य सरकार ने इस योजना को क्वालिटेटिव एवं क्वांटिटेटिव विस्तार दिया। प्रदेश सरकार ने लाभार्थियों की संख्या बढ़ायी और इस कार्यक्रम को आत्मनिर्भर भारत अभियान से भी जोड़ा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश से प्रेरणा लेकर देश के अन्य राज्य भी इसी प्रकार के कार्यक्रम अपने प्रदेशों में प्रारम्भ करेंगे। जनपद प्रभारी मंत्री ने कहा कि तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश ने कितनी बड़ी सिद्धि प्राप्त की है। जनसंख्या के दृष्टि से यह प्रदेश कई देशों से बड़ा है। पहले से तैयारी तथा निरन्तर प्रयास से योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व की प्रदेश सरकार ने अब तक हजारों लोगों का जीवन बचाया है। नागरिकों की रक्षा संतोष का विषय तो है ही, इससे देश का आत्मविश्वास भी बढ़ा है।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ सप्ताह में लगभग 35 लाख कामगार/श्रमिक वापस लौटे हैं। राज्य सरकार ने सैकड़ों श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां संचालित कराकर मुश्किल में फंसे प्रदेशवासियों को वापस बुलवाया। वापस लौटने वाले इन प्रदेशवासियों से संक्रमण के प्रसार का जोखिम बढ़ गया था, किन्तु राज्य सरकार ने जिस तरह स्थिति को संवेदनशीलता के साथ सम्भाला, उससे न केवल राज्य एक बड़े संकट से बाहर आया बल्कि देश की भी बड़ी सेवा की।
जल शक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए अभूतपूर्व व्यवस्था की गयी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उत्तर प्रदेश ने बहुत तेजी से गरीबों व वापस लौटे श्रमिकों को निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया। प्रदेश का कोई भी नागरिक भूखा न रहे, इस भावना व संवेदनशीलता से राज्य सरकार ने कार्य किया। 15 करोड़ लोगों के लिए खाद्यान्न का प्रबन्ध किया गया। इसके लिए प्रदेश की गरीब जनता में 42 लाख मीट्रिक टन राशन वितरित किया गया। राशन कार्ड न होने पर भी गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। उत्तर प्रदेश के लगभग 3.25 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते में 5 हजार करोड़ रुपये की धनराशि अंतरित की गयी। आजादी के बाद के इतिहास में आज तक सम्भवतः किसी सरकार ने गरीबों की ऐसी मदद नहीं की।
जनपद प्रभारी मंत्री ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता के लिए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में भी उत्तर प्रदेश आगे है। ग्रामीण इलाकों में गरीबों के आय के साधन बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के कार्य शुरु कराये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, सामुदायिक शौचालय निर्माण, पंचायत भवन, तालाब निर्माण, इण्टरनेट की लाइनों के बिछाने आदि कार्याें के माध्यम से प्रदेश सरकार ने लगभग 1.25 करोड़ श्रमिकों/कामगारों को रोजगार देने का प्रयास किया है। 50 लाख लोगों को एम0एस0एम0ई0 इकाइयों में रोजगार दिया जा रहा है। इसके अलावा, स्वरोजगार के लिए हजारों उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत करीब 10 हजार करोड़ रुपये का ऋण आवंटित किया गया है। ऋण के साथ-साथ आज हजारों हस्तशिल्पियों को आधुनिक मशीनें और उनके काम के लिए आवश्यक टूल किट भी दी गयी है। इससे हस्तशिल्पियों का काम भी बढ़ेगा और उन्हें सुविधा भी मिलेगी।
जनपद प्रभारी मंत्री ने कहा कि 1.25 करोड़ कामगारों की पहचान करना, 30 लाख से ज्यादा श्रमिकों के कौशल व अनुभव का डेटा तैयार करना और उनके रोजगार की समुचित व्यवस्था करना, यह प्रदेश सरकार और उसके कर्मचारियों की सघन तैयारी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना में प्रदेश में पहले से ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ‘आत्मनिर्भर भारत योजना’ में औद्योगिक क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं। इससे प्रदेश को भी लाभ मिलेगा। ‘आत्मनिर्भर भारत योजना’ से किसानों को भी लाभ होगा। किसानों को मण्डी के बाहर अपनी उपज बेचने का अधिकार दिया गया है। इससे वह जहां ज्यादा दाम मिले वहां अपना सामान बेच सकता है। वह बुवाई के समय भी उत्पाद का दाम तय कर सकता है।
जनपद प्रभारी मंत्री ने कहा कि पशुपालकों के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का डेरी इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड बनाया गया है। इसके माध्यम से डेरी उद्योग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ ही एक करोड़ किसानों को डेरी उद्योग से जोड़ने की योजना है। आने वाले समय में इसके माध्यम से 35 लाख रोजगार सृजन की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बौद्ध सर्किट के तहत कुशीनगर एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित किया गया है। इससे पूरी दुनिया से बौद्ध श्रद्धालु उत्तर प्रदेश आ सकेंगे तथा बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
जनपद प्रभारी मंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति पथ में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश सरकार द्वारा विगत 3 वर्षाें में 30 लाख से अधिक पक्के घर बनाये गये हैं। 03 लाख से अधिक युवाओं की सरकारी नौकरियों में नियोजन हुआ है। प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। मातृ मृत्यु दर में 3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। इनसेफेलाइटिस की बीमारी में कमी के साथ ही मृत्यु दर में 90 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। राज्य में बड़ी संख्या में मेडिकल काॅलेजों का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में बिजली, पानी, सड़क की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में शान्ति है, इससे पूरी दुनिया के निवेशक प्रदेश में आने के इच्छुक हैं।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन में अलग-अलग तरह की कठिनाइयां आती रहती हैं, लेकिन सम्पूर्ण मानव जाति पर एक साथ एक तरह के संकट की कल्पना किसी ने नहीं की थी। नोवल कोरोना वायरस नामक यह संकट ऐसा है जिसमें कोई किसी की मदद भी नहीं कर सकता। इस समय में सभी लोगों को किसी न किसी परेशानी का सामना करना पड़ा है। इससे मुक्ति का भी कुछ पता नहीं है। जब तक इसके संक्रमण से बचाव की कोई वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक 2 गज की दूरी का पालन, मास्क अथवा किसी कपड़े से मुंह को ढकना, साफ-सफाई ही इससे बचाव में सहायक है। कोरोना वायरस के विरुद्ध संघर्ष निरन्तर जारी है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस संघर्ष में उत्तर प्रदेश व भारत दोनों विजयी होंगे।
जल शक्ति मंत्री ने अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कोरोना संकट के दौरान पूरे देश का मार्गदर्शन किया। उन्होंने ‘जान भी, जहान भी’ का मंत्र दिया। इसी क्रम में उनके मार्गदर्शन में ‘आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ का शुभारम्भ हो रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 1.25 करोड़ से अधिक कामगार व श्रमिकों को रोजगार, उद्योगों में समायोजन और स्वतः रोजगार के अन्तर्गत कार्य दिया जा रहा है। साथ ही, इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी के माध्यम से 4.03 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण का आॅनलाइन वितरण भी किया जा रहा है।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि ‘आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ के अन्तर्गत ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग के द्वारा सामुदायिक शौचालय के निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण, मनरेगा के अन्तर्गत ग्रामीण सड़कों व तालाबों की खुदाई एवं अन्य कार्यक्रमों में 60 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों को नियोजित किया जा रहा है। इसके अलावा, एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में 50 लाख श्रमिकों व कामगारों, स्वयं सहायता समूह एवं फाॅर्मर्स प्रोडूसर्स ग्रुप के अन्तर्गत 05 लाख श्रमिकों व कामगारों, केन्द्र व राज्य सरकार के अन्तर्गत संचालित विभिन्न एक्सप्रेस-वेज़, अन्य मार्गाें, सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण तथा वन विभाग, नगर विकास विभाग व अन्य विभागों की परियोजनाओं में 10 लाख श्रमिकों व कामगारों का नियोजन किया जा रहा है।
जनपद प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ के अन्तर्गत आज 02 लाख 68 हजार इकाइयों को 6,565 करोड़ रुपये का ऋण, 01 लाख 35 हजार नई इकाइयों को लगभग 4,034 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया जा रहा है। साथ ही, प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ व ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के अन्तर्गत 05 हजार से अधिक उत्तर प्रदेश के परम्परागत कारीगरों को टूल किट का वितरण किया जा रहा है।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के दृष्टिगत आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा समय से लिए गये निर्णयों के लिए पूरा देश कृतज्ञ है। उत्तर प्रदेश में 35.92 लाख से अधिक श्रमिकों और कामगारों की सकुशल वापसी हुई। प्रधानमंत्री जी ने वापस लौटे कामगारों व श्रमिकों की स्किल मैपिंग के लिए कहा था। राज्य सरकार ने समयबद्ध ढंग से वापस लौटे हुए कामगारों में, 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को इसमें शामिल किए बगैर, 30.47 लाख की स्किल मैपिंग करायी। इसमें से 24 लाख 75 हजार कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट व अन्य निर्माण कार्याें, 92 हजार कारखाना मजदूर, 62 हजार 800 टेलर, 45 हजार ड्राइवर, 10 हजार 700 हस्तकला तथा 03 लाख 61 हजार सेल्स, वंेडिंग, सिक्योरिटी गाॅर्ड, कूरियर सेवा आदि से जुड़े हैं।
जनपद प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वापस आये 26.12 लाख कामगार व श्रमिक तथा नगरीय क्षेत्रों में वापस आये 1.63 लाख कामगार व श्रमिक होम क्वारंटीन से बाहर आ गये हैं। 4.71 लाख अभी भी होम क्वारंटीन में हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 62 लाख श्रमिक व कामगार मनरेगा के अन्तर्गत काम कर रहे हैं। इसमें अधिकतर श्रमिक व कामगार कृषि, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, एक्सप्रेस-वेज, वृक्षारोपण कार्यक्रम आदि में समायोजित किये गये हैं।
जनपद प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्रदेश में अन्य राज्यों से वापस लौटे 15 लाख से अधिक कामगारों व श्रमिकों को इन योजनाओं में कार्य दिया गया है। इसके अलावा, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 04 लाख 22 हजार वापस लौटे श्रमिकों की स्किल मैपिंग कराते हुए 01 लाख 69 हजार श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुसार कार्य में लगाया गया। साथ ही, वापस लौटीं 29 हजार 600 महिला कामगारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अनलाॅक की कार्रवाई के पश्चात् लगभग 7 लाख 80 हजार औद्योगिक इकाइयां संचालित की गयीं।
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