भूजल सप्ताह‘ पर भूजल संरक्षण की आवश्यकता एवं महत्व को जन-मानस तक प्रभावी ढंग से पहुँचाया जाये - गजेन्द्र सिंह शेखावत
पंचायत स्तर पर तथा स्कूल-कालेजों के भवनों पर रुफटाॅप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना अनिवार्य रुप से की जाय -डाॅ0 महेन्द्र सिंह
लखनऊः-आम-जनमानस को भूजल के महत्व के प्रति जागरूक करने तथा जन संरक्षण के प्रति प्रेरित करने के उद्देष्य से प्रत्येक वर्श की भाँति इस वर्श भी 16-22 जुलाई, 2020 के मध्य भूजल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। हम सभी इस समय कोविड-19 की संक्रामकता से संघर्शरत है अतएव इस वर्श पूर्व के वर्शो की भाँति प्रचार-प्रसार कार्यक्रम की विभिन्न स्थलीय गतिविधियाँ संचालित नही की जा पा रही है। इस हेतु इस बार एक अभिनव प्रयास करते हुए उत्तर प्रदेष के विभिन्न क्षेत्रों से ब्लाक प्रमुखों, ग्राम प्रधानों, जनप्रतिनिधियों, कृशकों तथा सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों से भूजल सप्ताह के उद्घाटन अवसर पर आन-लाइन संवाद आज 16-07-2020 किया गया। इस आन-लाइन संवाद में केन्द्रीय जल षक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह षेखावत द्वारा वीडियों कान्फ्रेसिंग/वेबिनार के माध्यम से भूजल सप्ताह का षुभारम्भ किया गया।
संवाद के प्रारम्भ में जल षक्ति मंत्री डाॅ महेन्द्र सिंह द्वारा इस बात पर विषेश बल दिया कि पंचायत स्तर पर तथा स्कूल-कालेजों के भवनों पर रुफटाॅप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना अनिवार्य रुप से की जानी चाहिये, जिससे कि रिचार्जिंग के द्वारा अधिकतम् वर्शा जल को संचित किया जा सके। मंत्री जी द्वारा यह बताया गया कि भूजल प्रबन्धन में सुधार हेतु भारत सरकार के सहयोग से अटल भूजल योजना के रूप में एक महत्वाकांक्षी परियोजना लागू की जा रही है। इस योजना के माध्यम जनपद स्तर के समस्त कार्यदायी विभागों जैसंे कि, लघु सिंचाई, कृशि विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग तथा ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आपसी समन्वय से जल संरक्षण की दिशा में व्यापक कार्य किये जाएंगें। इस योजना को जन-सहभागिता के द्वारा पूरा किया जाना है, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों की भी अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह कहा कि इस वर्श प्रदेष के महापर्व ‘भूजल सप्ताह‘ पर भूजल संरक्षण की आवश्यकता एवं महत्व को जन-मानस तक प्रभावी ढंग से पहुँचाया जाये। जिसमें हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि आम जनता भूजल के महत्व को समझे और स्वयं आगे आकर भूजल संचयन एवं इसके संरक्षण में अपना भरपूर योगदान दे। जल संचयन एवं संरक्षण के कार्यों में वृहद स्तर पर भूजल जन जागरूकता सृजित करने के लिए सामाजिक सहभागिता के सिद्धान्त को प्रदेश में अपनाये जाने की आवश्यकता है। मा0 मंत्री जी द्वारा यह कहा गया कि आइये, हम सब मिलकर संकल्प लें कि प्रदेश के हर गाँव, हर शहर में भूजल स्रोतों के सुरक्षा, संरक्षण एवं इसका दुरूपयोग रोकने में हम सब अपना पूरा योगदान देंगें।
मंत्री जी के सम्बोधन के उपरान्त विभिन्न क्षेत्रों से आनलाइन उपस्थित लोगो ने मा0 केन्द्रीय जल षक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह षेखावत से सीधे संवाद किया। मंत्री जी द्वारा इस बात की सराहना भी की गई कि उत्तर प्रदेष में आम जन मानस को भूजल के महत्व के प्रति जागरुक करने के लिये भूजल सप्ताह का आयोजन वर्श 2012 से निरन्तर किया जा रहा है। उत्तर प्रदेष देष का पहला ऐसा राज्य है जहाँ इस प्रकार भूजल के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है। प्रदेष में बुन्देलखण्ड एवं पष्चिमी उत्तर प्रदेष, भूजल के संकट से जूझ रहा है। इस दिषा में सुधार का प्रयास करते हुए भारत सरकार द्वारा अटल भूजल योजना लागू की गई है। मा0 मंत्री जी ने बताया कि इस योजना में ग्राम पंचायत स्तर पर वाटर सिक्योरिटी प्लान को विकसित करते हुए उसके क्रियान्वयन से क्षेत्र के भूजल प्रबन्धन में व्यापक सुधार हो सकेगा, इसमें जन सहभागिता भी एक आवष्यक अंग है। डाॅ महेन्द्र सिंह, जल षक्ति मंत्री, उत्तर प्रदेष का यह सराहनीय कदम है कि इन ग्राम पंचायतो के ग्राम प्रधानों तथा कृशकों से इस तरह से आनलाइन संवाद स्थापित करते हुए न सिर्फ परियोजना से होने वाले लाभों से उनको भिज्ञ कराया गया बल्कि जल संचयन के क्षेत्र में उनके अनुभव को भी साझा किया गया। प्रदेष सरकार द्वारा भूजल के प्रबन्धन एवम् नियमन हेतु उत्तर प्रदेष ग्राउण्ड वाटर (मैनेजमेन्ट एण्ड रेगुलेषन) एक्ट-2019 लागू करने के लिये मा0 मंत्री जी ने प्रदेष सरकार को बधाई दी।
मंत्री जी ने यह भी कहा कि जिस विज्ञान एवं तकनीकी के सहारे प्रकृति को साधने की कोषिष की जा रही है, उससे होने वाले परिवर्तन का भी आंकलन हमें करना होगा। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हम इस प्रकृति के रखवाले है, मालिक नही। उन्होने इस बात पर बल दिया कि प्रदेष मंे जल संचयन के क्षेत्र में कार्य करने वाले जल योद्धाओं को चिन्हित करते हुए उनकी सफलता की कहानियों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास करना चाहिये। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि यदि कोई भी देष जल संचयन, जल संरक्षण, संचित/संरक्षित जल का विवेकपूर्ण उपयोग तथा उपयोग में लाये गये जल का पुर्नउपयोग इस पांच बिन्दु पर काम कर लें, तो वह देष जल समृद्ध देष बन सकता है। हम सब को मिलकर यह संकल्प लेना होगा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के जल संचयन के अभियान को एक जन आन्दोलन बनाते हुए प्रकृति की इस अनमोल धरोहर के संवर्धन के प्रयास किये जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव भूगर्भ जल अनुराग श्रीवास्तव, निदेशक भूगर्भ जल वी0के0 उपाध्याय सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। इसके साथ ही जनपद बांदा के प्रगतिशील कृषक उमाशंकर पाण्डेय, झांसी के कृषक सीताराम, बागपत के ग्राम प्रधान श्याम यादव, मेरठ के ग्राम प्रधान सुशील चैहान तथा मुजफ्फरनगर के ग्राम प्रधान प्रदीप कुमार भी उपस्थित थे।
झांसी में हुआ हादसा खिड़की तोड़कर बाहर निकाले...
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पूर्व मंत्री आशुतोष...
वाराणसी में 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र...
Lucknow: दरिंदगी, कट्टरता और अराजकता के खिलाफ शहर में...
यूपी में ठंड की आहट…आज भी इन 26 जिलों में बारिश का...
UP में फिर तबादले; योगी सरकार ने 8 जिलों के पुलिस कप्तान...