निजीकरण प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को सौंपेगी सरकार
नई दिल्ली. केंद्र सरकार देश के सरकारी बैंकों में से आधे से ज्यादा का निजीकरण करने की योजना बना रही है. अगर सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ तो आने वाले समय में देश में सिर्फ 5 सरकारी बैंक रह जाएंगे. सरकार और बैंकिंग सेक्टर के सूत्रों के मुताबिक, बैंकिंग इंडस्ट्री की हालत सुधारने के लिए निजीकरण का फैसला लिया जा रहा है.
इसके लिए सरकार योजना के पहले चरण में बैंक ऑफ इंडिया , सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया , इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक में मैजोरिटी स्टेक बेचेगी.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'सरकार चाहती है कि देश में सिर्फ 4 या 5 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रह जाएं.' मौजूदा समय में देश में 12 सरकारी बैंक हैं.
बता दें कि इसी साल सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 राष्ट्रीयकृत बैंकों में तब्दील कर दिया था. इसके बाद 1 अप्रैल 2020 से देश में सरकारी बैंकों की कुल संख्या 12 रह गई, जो 2017 में 27 थी. अधिकारी ने बताया कि इस तरह की योजना को एक नए निजीकरण प्रस्ताव में रखा जाएगा, जिसे सरकार अभी तैयार कर रही है. फिर इसे कैबिनेट (Cabinet) के सामने मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा.
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