kanpur-8 पुलिसकर्मियों की हत्य का मुख्य आरोपी विकास दुबे का साथी जय बाजपेई भी कुछ शातिर नहीं था। वह बिकरू गांव में पुलिस कर्मियों की दबिश और पुलिस पर हमले की बात पहले से ही जानता था। उसकी और विकास की 1 जुलाई को फोन पर बात हुई थी और अगले दिन वह उससे मिलने गांव भी गया था। पुलिस को इस बात के सबूत मिले हैं जिसके आधार पर जय और बउआ के जीजा प्रशांत के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने बाजपेई प्रकरण में जो साक्ष्य इकट्ठा किए हैं। उसके अनुसार 1 जुलाई की सुबह लगभग 11 बजे जय और विकास के बीच मोबाइल पर बातचीत हुई थी। उस दौरान विकास ने जय से रुपए लाने के लिए कहा था। साथ ही कुछ कारतूस मंगाए थे। जय ने डब्लू को विकास से हुई टेलीफोनिक बातचीत के बारे में जानकारी दी। इसके बाद दो जुलाई की शाम को जय और डब्लू बिकरू गांव पहुंचे। वहां पर उन लोगों ने विकास से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान जय ने विकास को दो लाख रुपए दिए। इसके अलावा 25 कारतूस सौंपे। कुछ देर वहां रुकने के बाद दोनों वहां से निकल गए।
जय और प्रशांत गाड़ी से बिकरू गए थे। जिसके बाद विकास ने उन्हें भी 2 जुलाई की रात गांव में ही रुकने को कहा था मगर जय कुछ काम होने की बात बताकर वहां से निकल आया। उनके जाने के बाद देर रात विकास और उसके गुर्गों ने पुलिस पर हमला कर दिया था।
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