लखनऊ मे सरकार के नाक के नीचे छदम तरीके से बिक रहा लाखो का नमक
बिना किसी टेन्डर अंकुर केम फूड को मिल गया 12 रूपया किलो नमक बेचने का छदम आदेश
राजधानी मे सरकार के नाक के नीचे हो गया लाखो का आयोडिन नमक धोटाला
राशन दुकानदारो ने मोटी कमीशन के चक्कर मे कार्ड धारको को नमक लेने पर कर रहे है मजबूर
नमक माफियाओ ने कोरोना काल को बनाया कमाई का जरिया
PRAMOD SRIVASTAVA
Lucknow --- न कोई टेन्डर,न शासन को कोई जानकारी बाऊजूद सरकार के नाक के नीचे राजधानी लखनऊ मे छदम आदेश के जरिये लाखो के आयोडिन नमक बिकने का मामला प्रकाश मे आया है।
कोरोना काल को कमाई का जरिया बनाते हुये प्रदेश के नमक माफियाओ ने खाद एवम रसद विभाग के आदेशो को ठेगा दिखाते हुये राजधानी लखनऊ मे महगे दामो पर लाखो के आयोडिन नमक को बेचकर अपना जेब भर लिया है।
ज्ञात हो कि जनवरी 2020 मे खाद एवम रसद विभाग ने कर्मचारी कल्याण निगम को नोडल एजेन्सी तय करते हुये उत्तर प्रदेश के 65 जिलो को चार जोन मे बाटकर आयोडिन नमक बेचने का निर्णय लिया था।
वर्ष 2019 मे इस बाबत कर्मचारी कल्याण निगम ने बकायदा इसका टेन्डर किया जिसमे देश की 14 नमक कम्पनियो ने हिस्सा लिया। जिसमे चार कम्पनिया मे0 चिरई साल्ट गुजरात को जोन 2,मे0 बजाज साल्ट गुजरात को जोन 1, मे0 वाइबे्रन्ट ग्लोबल साल्ट राजस्थान को जोन 3 और गोयल साल्ट राजस्थान को जोन 4 मे आयोडिन वितरण का काम मिल गया।
जिसमे तय हुआ कि जो चार कम्पनियो को आयोडिन नमक का ठेका दिया गया है वह कम्पनिया अपने नमक को 6 रूपये 80 पैसे प्रति किलो नमक देगी। उसमे 50 पैसा कर्मचारी कल्याण निगम का कमीशन, 50 पैसा राशन कोटेदारो का कमीशन और 20 पैसा गोदामो का कमीशन जोडकर जनता के हाथ मे 8 रूपये प्रति किलो उपरोक्त नमक को बेचा जायेगा। जिसका आदेश भी बकादया 27 जनवरी 2020 को कर्मचारी कल्याण निगम ने कर दिया।
यह आयोडिन नमक प्रदेश के 65 जिलो मे राशन दुकानदारो के माध्यम से 8 रूपये किलो अभी बिकता कि कोरोना जैसी महामारी ने देश मे दस्तक दे दी। जिसका नतीजा यह रहा कि काम थोडा ढीला पड गया।
इसी बात का फायदा उठाकर गोरखपुर और लखनऊ के कुछ नमक माफियाओ ने खाद एवम रसद विभाग मे साठगाठ करके बिना किसी टेन्डर अंकुर केम फुड गुजरात की कम्पनी को लखनऊ मे राशन दुकानदारो के माध्यम से 12 रूपये किलोनमक बेचने का आदेश करा दिया। जिसमे 2 रूपये राशन कोटेदारो का कमीशन और 10 रूपये अंकुर कम्पनी के जेब मे जाना तय हुआ। इस तरह जो नमक गरीब जनता के हाथ पहले 8 रूपये किलो पहुचना था उसी गरीब जनता को अब 12 रूपये किलो मजबूरी मे अंकुर के नमक को खरीदना पड रहा है।
इस तरह देखा जाये तो खाद एंव रसद विभाग के कुछ कर्मचारी और अंकुर नमक कम्पनी ने मिलकर राजधानी की लाखो गरीब जनता के जेब से 4 रूपये का डाका डालकर लाखो का चूना लगा दिया।
ज्ञात हो कि इसके पहले भी अंकुर केम फूड ने प्रदेश के 10 जिलो मे DFS डबल फोर्टिफाइड साल्ट का वितरण किया था जो काफी विवादो मे रहा। जिन 10 जिलो मे अंकुर केम फूड के DFS डबल फोर्टिफाइड साल्ट का वितरण हुआ था वहा पर नमक सेवन करने वाले लोगो ने सब्जी काली होने,शरीर पर चक्कते पडने और खुजली होने की शिकायत की जिसका कई समाचार पत्रो ने उपरोक्त खबर को प्रमुखता से छापा भी था।
उस समय अंकुर केम फूड के डबल फोर्टिफाइड साल्ट मे मानक के विपरीत तत्वो के मिलने की बात और तय समय मे डबल फोर्टिफाइड साल्ट के वितरण न करने की बात सामने आने के बाद भी अंकुर कम्पनी के खिलाफ कर्मचारी कल्याण निगम के तत्कालीन ईडी ने कोई कार्यवाही नही की। शासन सत्ता तक जब तक यह बात पहुचती अंकुर कम्पनी ने कर्मचारी कल्याण निगम के तत्कालीन ईडी की सहायता से लगभग 100 करोड का पेमेन्ट फटाफट करा लिया। जबकि डबल फोर्टिफाइड साल्ट की जाॅच अभी भी चल रही है।
वही दूसरी तरफ अब आयोडिन नमक को राजधानी की जनता को 12 रूपये बेचकर अंकुर केम फूड एक बार फिर से चर्चाओ मे आ गया है।
इस बाबत जब हमारे संवाददाता ने लखनऊ के डीएसओ से बातचीत की तो उन्होने माना कि अंकुर केम फुड गुजरात की कम्पनी को लखनऊ मे राशन दुकानदारो के माध्यम से 12 रूपये किलोनमक वितरण का काम बिना किसी टेन्डर के दिया गया था। उन्होने कहा कि उपर तक यह बात पहुचने के बाद नमक वितरण का कार्य 5 जुलाई के बाद से बन्द कर दिया गया है। इस बात की तस्दीक करने के लिये 25 जुलाई को हमारे संवाददाता ने गोमतीनगर के एक राशन दुकानदार के पास गये और नमक खरीदने की इच्छा जताई तो राशन दुकानदार ने उन्हे 2 पैकेट नमक 24 रूपये लेकर दे दिया।
राजधानी मे गरीब जनता को 12 रूपये किलो नमक राशन दुकानदारो के माध्यम से बेचने की बात पर इस संवाददाता ने आयुक्त खाध एवम रसद मनीश चैहान के आफिस के नम्बर पर फोन कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की पहले तो उनके स्टाफ ने बात कराने की बात कहकर संवाददाता का फोन होल्ड कराया पर जब उनको पता चला कि संवाददाता राजधानी मे 12 रूपये किलो बिक रहे आयोडिन नमक पर उनसे बात करना चाहता है तो स्टाफ ने बाद मे बात कराने की बात कहकर फोन काट दिया।
इस नमक धोटाले की चर्चा जैसे जैसे राजधानी मे फैल रही है वैसे वैसे लोगो की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है। उत्तर प्रदेश कागे्रस पार्टी के प्रभारी प्रशासन सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि एक तरफ प्रदेश की सरकार जीरो टालरेन्स की बात करती है वही दूसरी तरफ सरकार के नाक के नीचे बिना टेन्डर महगा नमक बेचने का मामला प्रकाश मे आने से सरकार की सच्चाई सामने आ गयी है। उन्होने कहा कि भष्ट्राचार मुक्त प्रदेश की बात करने का ढोग करने वाली सरकार भष्ट्राचारियो के हाथ की कठपुतली बन गयी है जो इस कोरोना काल मे भी लोगो की सहायता करने के बजाय गरीब जनता को लूट रहे है।
उत्तर प्रदेश कागे्रस पार्टी के प्रभारी प्रशासन सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले की कायदे से जाच हो जाये तो कई बडे बडे सफेदपोशो के नाम सामने आ जायेगे।
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