सीसीटीवी,मोबाइल डिटेल,नौकरो से पूछताछ,जाच मे हो सकते है अहम कडी
प्रमोद श्रीवास्तव
जब कर नही तो डर कैसा यह कहावत सुशांत सिंह राजपूत केश मामले मे नामजद रिया चक्रवर्ती पर पूरी तरह से फिट बैठता है। कल तक मुम्बई पुलिस पर अविश्वास करने वाली और स्ंवम सुशान्त मामले की सीबीआई जाॅच की माॅग करने वाली रिया चक्रवर्ती द्वारा अब यह कहना कि मामले की जाॅच मुम्बई पुलिस करे रिया को स्ंवम कटधरे मे खडा कर दे रहा है।
कुछ दिन पहले रिया द्वारा सुशान्त मामले की जाॅच सीबीआई से करवाने की गम्भीरता को इस तरह भी समझा जा सकता है कि उन्होने इस मामले मे देश के गृह मन्त्री अमित शाह को भी संज्ञानित किया था।
अब पटना मे रिया के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उनका मुम्बई पुलिस पर दरियादिली दिखाने से एैसा लग रहा है कि उन्होने जो पहले सीबीआई जाच की माग की थी वह सब दिखावा था। एैसा करने से रिया स्ंवम अपने बुने हुये जाल मे फसती हुई दिखाई दे रही है।
पटना मे मामला दर्ज होने के बाद रिया को चाहिये था कि वह पटना पुलिस के सामने उपस्थित होती और उनके सवालो का जबाब देती मगर पटना पुलिस के मुम्बई पहुचने से पहले रिया अपने फलैट से सपरिवार फरार होकर देश के जाने माने अधिवक्ताओ के शरण मे पहुच गयी।
अब सवाल उठता है कि जब सुशान्त को न्याय दिलाने की खातिर कुछ दिन पूर्व तक जो रिया गम्भीरता दिखा रही थी वह बिहार पुलिस के मुम्बई पहुचने से पहले सुप्रीम कोर्ट क्यो पहुच जाती है यह बात भी बहुत बडा सवाल खडा करता है।
चलिये थोडी देर के लिये यह मान भी लिया जाये कि रिया को बिहार पुलिस पर भरोसा नही है तो रिया को चाहिये था कि वह अपने पुराने सीबीआई वाले बयान पर कायम रहते हुये सुप्रीम कोर्ट के सामने यह प्रार्थना करती कि उसे न तो मुम्बई पुलिस पर भरोसा है और न बिहार पुलिस पर लिहाजा एैसे मौके पर सुशान्त के मामले को जो उसने पहले माग सीबीआई जाच की थी उसे पूरा करते हुये सीबीआई से मामले की जाच करवाई जाये। मगर सुप्रीम कोर्ट मे एैसा न कर रिया चक्रवर्ती ने अपने आप को खुद शक के धेरे मे खडा कर लिया है।
बिहार पुलिस के मुम्बई पहुचने से पहले रिया चक्रवर्ती द्वारा अपने फलैट से गायब होने से अब एैसा लगने लगा है कि रिया सुशान्त मामले मे कुछ छुपा रही है। रिया द्वारा बिहार पुलिस का सामना न करने से सुशान्त के परिवार के उन बातो को बल मिलता हुआ दिखाई दे रहा है जो परिवार ने पटना पुलिस को बतायी है। जिसमे सुशान्त के खाते से 15 करोड रूपये निकल जाना और परिवार को सुशान्त को दूर रखना मुख्य है।
अंकिता लोखन्डेे की माने तो सुशान्त को परिवार के लोगो से फोन पर बात तक नही करायी जाती थी। जो नम्बर सुशान्त यूज करते थे उसे कुछ समय के बाद बदल दिया जाता था।
फलैट भूतहा-
इस मामले मे एक बात और गौर करने वाली है कि जिस फलैट मे सुशान्त पहले अच्छे से रहते थे। उसी फलैट मे रहते उन्होने कई फिल्मो की शूंटिग की उनकी कई फिल्मे तब हिट हुई जब वह उसी फलैट मे रहते थे। एैसे मे अचानक वह फलैट भूतहा कैसे हो गया। सुत्रो की माने तो रिया ने अच्छे खासे फलैट को सुशान्त को छुडवाकर किसी पुराने टाइप के फलैट मे शिफट करा दिया जिसका किराया जरूरत से ज्यादा था। सुत्रो का कहना है कि जिस पुराने फलैट मे सुशान्त को रिया ले गयी वहा किसी तान्त्रिका का भी आना जाना था।
परिवार को जानकारी क्यो नही-
सुशान्त मामले मे एक बात और गौर करने वाली है कि जब सुशान्त की तबियत खराब थी तब रिया ने सुशान्त की फैमिली को इस बात की जानकारी क्यो नही होनी दी। जबकि सुशान्त की एक बहन मुम्बई मे रहती थी। तबियत खराब होने पर सुशान्त को कौन कौन सी दवा दी जाती थी यह रिया और उनके परिवार के अलावा कोई नही जानता था।
डाक्टर का इलाज-
इस मामले मे कई बिन्दूओ पर जाच की जरूरत है जैसे कि सुशान्त को रिया किन किन डाक्टरो के पास ले गयी। उनको डाक्टरो ने कौन कौन से दवा खाने को दी। जो दवा डाक्टरो ने लिखी क्या वही दवा सुशान्त को रिया द्वारा दिया जा रहा था कि कोई अन्य दवा रिया द्वारा सुशान्त को दिया जा रहा था जिसकी वजह से वह अपना मानसिक सन्तुलन खोते जा रहे थे।
नौकरो से पूछताछ-
नौकरो से पूछताछ अहम कडी हो सकती है। वह इसलिये कि पता यह भी चला कि रिया ने सुशान्त के पुराने और विश्वासपात्र नौकरो को हटा कर अपने जानने वाले लोगो को सुशान्त की निगरानी के लिये लगा रखा था।
मोबाइल और बैक जाच जरूरी-
सुशान्त के मोबाइल नम्बरो को बार बार क्यो बदला जा रहा था यह भी जाच की अहम बिन्दुओ मे से एक है। बैक के सारे तथ्यो की भी गहन जाच जरूरी है जिससे यह पता चल सके कि किन किन लोगो को सुशान्त के खाते से टारजेशन किया गया था।
सुशान्त के मोबाइल के सीडीआर से भी बहुत कुछ जानकारी मिल सकती है कि वह किन किन लोगो के सम्पर्क मे था और उनको किनका किनका फोन आता था। सम्भावना यह भी जताई रही है कि सुशान्त को किसी माफिया का भी फोन इसी दौरान आया था जब रिया उससे दूर हो गयी थी। सुशान्त के वाटसअप मैसेज और टेक्स मैसेज भी इस मामले को सुलझाने मे अहम कडी हो सकती है।
इसके साथ रिया चक्रवर्ती उनके पिता उनके भाई और उनके परिवार के सभी सदस्यो के मोबाइल डिटेल की भी जाच जरूरी है जिससे यह जानकारी हो सके कि यह लोग पिछले तीन महीनो मे किन किन लोगो से सम्पर्क किये और उनके बीच क्या क्या बाते हुई।
फलैट किराये पर क्यो-
मुम्बई और आसपास के इलाको मे कई फलैट किराये पर लिये जाने की बात सामने आ रही है एैसे मे यह पता लगना जरूरी है कि सुशान्त ने कई इलाको मे इन फलैटो को किराये पर क्यो लिया था और उसका प्रयोग कौन कौन करता था।
सीसीटीवी फोटोज कब्जे मे लिया गया या नही-
सुशान्त के पुराने फलैट और नये जगह वाले फलैट की सीसीटीवी भी अहम सुराग हो सकते है। जिससे यह पता चले कि वह कब और किसके साथ वह निकलते थे। सीसीटीवी से यह जानकारी भी मिल सकती है कि 8 जून को सुशान्त को जब रिया ने छोडकर जाने का फैसला लिया तो उनके हाथ मे लैपटाप या अन्य क्या क्या वस्तुअे थी। क्योकि सुशान्त के परिवार ने सुशान्त के दस्तावेजो दवा के परचे और सुशान्त के लैपटाप को रिया द्वारा ले जाने की भी शिकायत की गयी है।
रिया के साथ किन किन देशो की यात्रा पर गये सुशान्त-
इस बात की तफतीश जरूरी है कि सुशान्त सिंह राजपूत के साथ किन किन देशो की यात्रा की। उनके साथ कौन कौन था। उस यात्रा का पूरा खर्चा कौन उठाया।
इधर इस मामले मे सुशान्त की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने टिवटर पर सत्यमेव जयते की एक फोटो पोस्ट की है।
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