केरल के कोझिकोड में करीपुर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान लैंडिंग करने के दौरान फिसल गया और खाई में गिर गया। यह हादसा इतना भीषण था कि विमान दो हिस्सों में बंट गया। घटना में दो पायलट सहित 18 लोगों की मौत हो गई। विमान में 191 यात्री सवार थे। डीजीसीए के अधिकारियों के मुताबिक विमान से उसका डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (DFDR) बरामद कर लिया गया है। कॉकपिट के वॉयस रिकॉर्डर को निकाल लिया गया है। इन्हें आगे की जांच पड़ताल के लिए दिल्ली लाया जाएगा। वहीं विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन कोझिकोड हवाई अड्डे पहुंच गए हैं।
सीआईएसएफ के विशेष महानिदेशक एमए गणपति ने बताया कि 40 से अधिक सीआईएसएफ कर्मी, त्वरित प्रतिक्रिया दल और मुख्य हवाई अड्डा सुरक्षा अधिकारी हवाई अड्डे पर पहुंच गए और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ निकासी शुरू कर दी है। हादसे पर यूएस मिशन के हवाले से भारत में अमेरिकी राजदूत केन जस्टर ने दुख जताया है और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। वहीं विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन कोझीकोड पहुंच गए हैं।
सभी यात्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को सहायता प्रदान करने के लिए दिल्ली और मुंबई से दो विशेष राहत उड़ानों की व्यवस्था की गई है। घटना की जांच के लिए एएआईबी, डीजीसीए और उड़ान सुरक्षा विभाग पहुंच चुके हैं। इसके अलावा केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन आज करीपुर जाएंगे। वहीं दूसरी ओर नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि 127 लोग अस्पताल में हैं और अन्य को छुट्टी दे दी गई है।
उन्होंने कहा कि यदि विमान में आग लग जाती तो हमारा काम और भी मुश्किल हो जाता। मैं हवाई अड्डे जा रहा हूं। राहत और बचाव कार्य पूरा हो चुका है, मलबे को हटाने और ब्लैक बॉक्स को खोजने की तैयारी हो रही है। यहां पढ़ें इससे जुड़े सभी अपडेट्स-
नौ साल पहले विशेषज्ञों ने दी थी चेतावनी-
हादसे से नौ साल पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित एक सुरक्षा सलाहकार समिति के एक सदस्य ने चेतावनी देते हुए कहा था कि करीपुर हवाई अड्डा असुरक्षित है और यहां लैंडिंग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि शुक्रवार को हुए हादसे से पता चलता है कि उनकी चेतावनी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
विमान के खाई में गिरते ही सुनाई देने लगी थीं घायलों की चीखें-
विमान खाई में गिरने के बाद दुर्घटनास्थल पर बेहद भयावह माहौल था। हर तरफ घायलों की चीखें, रोते-बिलखते बच्चे और खून से सने कपड़ों के अलावा एंबुलेंस के साइरन के शोर ने हादसे की जगह ऐसा माहौल पैदा किया किया जिसे देखकर हर कोई दहल गया।
हादसा बारिश की वजह से रनवे गीला होने के चलते हुआ-
एयर इंडिया की दुबई-कालीकट उड़ान (IX-1344) शुक्रवार की शाम 7.41 बजे लैंडिंग करते वक्त फिसल गई। जानकारी के अनुसार यह हादसा बारिश की वजह से रनवे गीला होने के चलते हुआ। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया है।
10 साल पहले ऐसे ही हादसे में गई थी 158 लोगों की जान-
करीब 10 साल पहले यानी, 22 मई 2010 में ठीक ऐसा ही एक हादसा मंगलूरू में हुआ था। उस वक्त एयर इंडिया की फ्लाइट 812 दुबई से मंगलूरू आई थी। यह फ्लाइट भी लैंडिंग के वक्त रनवे से फिसल गई थी और पहाड़ी में गिर गई थी। इस हादसे में 158 लोगों की मौत हुई थी।
कैप्टन साठे ने अपनी जान देकर बचाई औरों की जान-
कोझिकोड में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के पायलट कैप्टन दीपक वसंत साठे और कैप्टन अखिलेश कुमार थे। कैप्टन दीपक फाइटर पायलट थे और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र थे। वायु सेना अकादमी से स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्राप्त कैप्टन दीपक ने मिग विमानों को सबसे ज्यादा उड़ाया था। इन दोनों पायलटों ने अपनी जान देकर कई यात्रियों की जान बचा ली।
आग लगती तो भयावह हो सकता था हादसा-
यदि कोझिकोड में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में आग लगती तो हादसा और भयावह हो सकता था। मगर भगवान का शुक्र रहा कि ऐसा नहीं हुआ। अगर ऐसा होता तो न जाने कितने लोगों की जान जाती। दुबई से आ रहे एयर इंडिया एक्सप्रेस के इस विमान में क्रू सहित 191 लोग सवार थे। विमान में 10 नवजात बच्चे भी थे।
क्या होता है टेबलटॉप रनवे-
कोझिकोड का हवाई अड्डा भौगोलिक रूप से 'टेबल टॉप' है। मतलब हवाई पट्टी के इर्द-गिर्द खाई है। मौसम खराब था और दृश्यता भी कम थी, शायद यही कारण था कि रनवे चूकने के बाद विमान फिसल गया और इसका अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
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