कोरोना महामारी के चलते इस साल देश में केंद्र सरकार ने कई चरणों में लॉकडाउन लगाया था। लॉकडाउन की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से थम गई थीं। स्कूल-कॉलेज, बस, ट्रेन, घरेलू व अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएं बंद कर दी गई थीं। आर्थिक गतिविधियों पर पड़ रहे असर को देखते हुए सरकार ने धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की। 1 सितंबर से अनलॉक (Unlock 4) का चौथा चरण शुरू हो रहा है। गृह मंत्रालय ने अनलॉक 4 को लेकर गाइडलाइन जारी की। मंत्रालय ने चौथे चरण की इस अनलॉक में कई छूट दी हैं।
अनलॉक-4 की नई दिशा-निर्देशों में स्कूलों और छात्रों के लिए भी पढ़ना अति आवश्यक है। ऐसा इसलिए कि इस गाइलाइन्स में कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए भी जानकारी दी गई है। साथ पोस्ट ग्रेजुएट समेत तमाम प्रशिक्षण संस्थानों को लेकर नई जानकारी दी गई है। फिलहाल ये गाइडलाइन्स 21 सितंबर से लागू किए जाएंगे।
अनलॉक-4 में स्कूलों और कॉलेजों को खोलने के बारे में भी नियम तय किए हैं। कोरोना को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन में सरकार स्कूल-कॉलेज को 30 सितंबर तक बंद रखने का फैसला लिया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ व्यापक परामर्श के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि 30 सितंबर तक स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग और अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। हालांकि, कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूलों में स्वेच्छा से कक्षा 9 और 12 के छात्र कॉलेज जा सकते हैं। इसका मतलब है कि स्टू़डेंट्स चाहें तभी वे कॉलेज जाएं, कॉलेज अटेंड करना बाध्यकारी नहीं होगा।
नए नियमों के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन के बाहर के कॉलेज में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अध्यापक से सलाह लेने के लिए कॉलेज जाने की अनुमति है। हालांकि, यह तभी संभव है, जब छात्रों के माता-पिता या अभिभावक इसकी अनुमति दें। स्कूल छात्रों को क्लास अटेंड करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। यह छात्रों की मर्जी पर है कि वे जाना चाहते हैं या नहीं।
अनलॉक-4 में स्कूलों और छात्रों के लिए 21 सिंतबर से लागू होंगे ये नए नियम –
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 50 फीसद तक शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ को ऑनलाइन टीचिंग, टेली काउंसलिंग और उससे संबंधित कार्यों के लिए एक समय में स्कूलों में बुलाया जा सकता है।
- कंटेनमेंट जोन के बाहर आने वाले स्कूलों में शिक्षकों से गाइडलाइन्स के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को स्कूल में आने की अनुमति दी जा सकती है लेकिन इसके लिए उनके माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति होना जरूरी है।
- राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम या राज्य कौशल विकास मिशनों या भारत सरकार या राज्य सरकारों के अन्य मंत्रालयों के साथ पंजीकृत लघु प्रशिक्षण केंद्रों में कौशल या उद्यमिता प्रशिक्षण की अनुमति दी जाएगी।
- राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD), भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE) और उनके प्रशिक्षण प्रदाताओं को भी अनुमति दी जाएगी।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में केवल रिसर्च स्कॉलर्स (पीएचडी) और टेक्निकल और प्रोफेशनल प्रोग्राम के पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों के लिए प्रयोगशाला/प्रायोगिक कार्यों की आवश्यकता होती है। उच्च शिक्षा विभाग (डीएचई) द्वारा गृह मंत्रालय के परामर्श से, स्थिति के मूल्यांकन के आधार पर और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में COVID-19 की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी जाएगी।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते इस साल देश में केंद्र सरकार ने कई चरणों में लॉकडाउन लगाया था। लॉकडाउन की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से थम गई थीं। स्कूल-कॉलेज, बस, ट्रेन, घरेलू व अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएं बंद कर दी गई थीं। आर्थिक गतिविधियों पर पड़ रहे असर को देखते हुए सरकार ने धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की। 1 सितंबर से अनलॉक (Unlock 4) का चौथा चरण शुरू हो रहा है। गृह मंत्रालय ने अनलॉक 4 को लेकर गाइडलाइन जारी की। मंत्रालय ने चौथे चरण की इस अनलॉक में कई छूट दी हैं। अनलॉक-4 की नई दिशा-निर्देशों में स्कूलों और छात्रों के लिए भी पढ़ना अति आवश्यक है। ऐसा इसलिए कि इस गाइलाइन्स में कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए भी जानकारी दी गई है। साथ पोस्ट ग्रेजुएट समेत तमाम प्रशिक्षण संस्थानों को लेकर नई जानकारी दी गई है। फिलहाल ये गाइडलाइन्स 21 सितंबर से लागू किए जाएंगे। अनलॉक-4 में स्कूलों और कॉलेजों को खोलने के बारे में भी नियम तय किए हैं। कोरोना को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन में सरकार स्कूल-कॉलेज को 30 सितंबर तक बंद रखने का फैसला लिया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ व्यापक परामर्श के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि 30 सितंबर तक स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग और अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। हालांकि, कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूलों में स्वेच्छा से कक्षा 9 और 12 के छात्र कॉलेज जा सकते हैं। इसका मतलब है कि स्टू़डेंट्स चाहें तभी वे कॉलेज जाएं, कॉलेज अटेंड करना बाध्यकारी नहीं होगा।
नए नियमों के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन के बाहर के कॉलेज में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अध्यापक से सलाह लेने के लिए कॉलेज जाने की अनुमति है। हालांकि, यह तभी संभव है, जब छात्रों के माता-पिता या अभिभावक इसकी अनुमति दें। स्कूल छात्रों को क्लास अटेंड करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। यह छात्रों की मर्जी पर है कि वे जाना चाहते हैं या नहीं।
अनलॉक-4 में स्कूलों और छात्रों के लिए 21 सिंतबर से लागू होंगे ये नए नियम -
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 50 फीसद तक शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ को ऑनलाइन टीचिंग, टेली काउंसलिंग और उससे संबंधित कार्यों के लिए एक समय में स्कूलों में बुलाया जा सकता है।
- कंटेनमेंट जोन के बाहर आने वाले स्कूलों में शिक्षकों से गाइडलाइन्स के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को स्कूल में आने की अनुमति दी जा सकती है लेकिन इसके लिए उनके माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति होना जरूरी है।
- राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम या राज्य कौशल विकास मिशनों या भारत सरकार या राज्य सरकारों के अन्य मंत्रालयों के साथ पंजीकृत लघु प्रशिक्षण केंद्रों में कौशल या उद्यमिता प्रशिक्षण की अनुमति दी जाएगी।
- राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD), भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE) और उनके प्रशिक्षण प्रदाताओं को भी अनुमति दी जाएगी।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में केवल रिसर्च स्कॉलर्स (पीएचडी) और टेक्निकल और प्रोफेशनल प्रोग्राम के पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों के लिए प्रयोगशाला/प्रायोगिक कार्यों की आवश्यकता होती है। उच्च शिक्षा विभाग (डीएचई) द्वारा गृह मंत्रालय के परामर्श से, स्थिति के मूल्यांकन के आधार पर और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में COVID-19 की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी जाएगी।