NEW DELHI-राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री समेत भारत की 10 हजार से ज्यादा हस्तियों और संगठनों की जासूसी के मामले में केंद्र सरकार ने बुधवार को एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी एक महीने के अंदर रिपोर्ट देगी। सूत्रों ने बताया कि जेनहुआ डेटा लीक मामले में सरकार ने इन रिपोर्टों का अध्ययन करने, उनका मूल्यांकन करने, कानून के किसी भी उल्लंघन का आकलन करने के लिए नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर के तहत एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। कमेटी से 30 दिनों में रिपोर्ट मांगी गई है। उल्लेखनीय है कि इंडियन एक्सप्रेस अखबार की रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन की डेटा कंपनी ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विपक्ष के प्रमुख नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य न्यायाधीश तथा कई अन्य हस्तियों की जासूसी की है। अखबार में यह भी कहा था कि कि इस कंपनी का संबंध चीन की सरकार से है।
इसके बाद कांग्रेस ने पूरा मुद्दा संसद में भी उठाया था। कांग्रेस सांसदों ने सदन में कहा था चीन की डिजिटल आक्रमकता से निपटने के लिए सरकार को मजबूत व्यवस्था बनानी चाहिए
रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों की जासूसी की जा रही है, उनमें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके परिवार के सदस्य, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अशोक गहलोत, अमरिंदर सिंह, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक, शिवराज सिंह चौहान, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, रेलमंत्री पीयूष गोयल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, सेना के कम से कम 15 पूर्व प्रमुखों, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे, सीएजी जीसी मूर्मू, स्टार्टअप टेक उद्यमी जैसे भारत पे के संस्थापक निपुण मेहरा, ऑथब्रिज के अजय तेहरान, देश के बड़े उद्यमी रतन टाटा और गौतम अडाणी जैसे लोग शामिल हैं।
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