new delhi-शिरोमणि अकाली दल की नेता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने संसद में पेश किए गए कृषि से संबंधित दो विधेयकों के विरोध में बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा बनी रहेगी और बीजेपी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार को समर्थन देती रहेगी। हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि थीं और अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है।
हरसिमरत कौर ने ट्वीट किया, ''मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है।" हरसिमरत कौर के पति और अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे और मोदी सरकार को समर्थन जारी रहेगा, लेकिन उसकी किसान विरोधी नीतियों का विरोध करेंगे।
विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए सुखबीर ने कहा कि पंजाब के किसानों ने अन्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अकाली दल नेता ने लोकसभा में कहा, ''मैं एक घोषणा करना चाहता हूं कि हमारी मंत्री हरसिमरत कौर बादल मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगी।" सुखबीर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी ने शुरू में इन अध्यादेशों का समर्थन किया था।
सुखबीर बादल ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने मंत्रिमंडल की बैठक में चिंता प्रकट की थी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर प्रस्तावित कानून की खामियों के बारे में बताय था। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इस पार्टी का इस मुद्दे पर दोहरा मानदंड है और 2019 के लोकसभा चुनाव तथा 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उसके घोषणा पत्र में एपीएमसी अधिनियम को खत्म करने का उल्लेख था।
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