लखनऊ-निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म डाॅ0 रोशन जैकब द्वारा करायी गयी पड़ताल में प्रकाश में आया है कि प्रदेश के 9 मण्डलों में 8818 ईंट भट्ठों के सापेक्ष 4516 ईंट भट्ठों द्वारा ही विनियमन शुल्क जमा किया गया है। इन 8818 ईंट भट्ठों में कुल मांग रू0 10424.07 लाख है, जिसके सापेक्ष रू0 5591.53 लाख की ही वसूली हो पायी है। डाॅ0 जैकब ने बताया कि इस स्थिति को शासन द्वारा बहुत गम्भीरता से लिया गया है और जब तक सभी ईंट भट्ठों द्वारा मांग के अनुरूप शत प्रतिशत विनियमन शुल्क जमा नहीं कर दिया जायेगा, तब तक उन्हे माह अक्टूबर 2020 से प्रारम्भ होने वाले सत्र 2020-21 में ईंट भट्ठों के संचालन की अनुमति नहीं दी जायेगी। उल्लेखनीय है कि जनपदों में विभिन्न श्रेणी के साधारण भट्ठे तथा जिग-जैग भट्ठे अक्टूबर 2020 से संचालित होंगे।
जिन 9 मण्डलों में विनियमन शुल्क कम जमा हुयी है उनमें आजमगढ़, आगरा, बस्ती, गोरखपुर, बरेली, मेरठ, वाराणसी, देवीपाटन एवं प्रयागराज हैं। डाॅ0 रोशन जैकब ने समस्त सम्बन्धित जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वह ईंट-भट्ठा मालिकों से बकाया धनराशि जमा कराने के उपरान्त ही भट्ठा सत्र 2020-21 में ईंट-भट्ठे की संचालन की अनुमति प्रदान करें। बकाया शुल्क जमा किये बिना ईंट भट्ठो के संचालन की अनुमति प्रदान नहीं की जायेगी।
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