lucknow-सरकार और बिजली कर्मचारी संयुक्त परिषद के बीच पांच बिंदुओं पर सहमति के बाद बिजली कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल फिलहाल स्थगित कर दी है।
बिजली विभाग के कर्मचारियो द्वारा कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन बदतर हुए हालात के मद्देनजर यूपी सरकार ने निजीकरण का फैसला फिलहाल तीन महीने के लिए टाल दिया है। इसके साथ ही कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी। बताया जा रहा है कि तीन महीनों के अन्दर कोई न कोई समाधान खोज निकाला जाएगा।
बताया जा रहा है कि सरकार और बिजली कर्मचारी संयुक्त परिषद के बीच पांच बिंदुओं पर सहमति बनी है। तय हुआ है कि फिलहाल बिजली विभाग का निजीकरण नहीं होगा। यदि कभी निजीकरण हुआ तो पहले बिजली विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों की सहमति ली जाएगी। इसके अलावा अगले 15 जनवरी 2021 तक लगातार समीक्षा होगी।
इसके साथ ही सरकार और विभाग के लोगो के बीच विभाग में भ्रष्टाचार खत्म करने, कंपनियों का घाटा कम करने, राजस्व वसूली बढ़ाने और बिलिंग सिस्टम को दुरुस्त करने में भी बिजली कर्मचारी संयुक्त परिषद अपनी भूमिका निभाएगा की बात कही है।
निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों द्वारा कार्य बहिष्कार का आज दूसरा दिन था। बिजली कर्मचारियों ने सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल और जेल भरो आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। बताया जा रहा है कि सोमवार को ही ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की ओर से समझौते का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर इनकार कर दिया था।
निजीकरण के फैसले का विरोध कर रहे कर्मचारियों ने सरकार से कहा था कि अगर उनकी मांगे न मानी गईं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। कर्मचारियों का आंदोलन जैसे जैसे आगे बढ़ता जा रहा था, आम जनता की मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं। माना जा रहा है कि सरकार ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुये बिजली कर्मचारी संयुक्त परिषद के बीच पांच बिंदुओं पर सहमति दी। जिसके कारण हडताल समाप्त हो पाया।
हड़ताल के कारण वीआईपी इलाको मे बिजली की जोरदार कटौती कर्मचारियो ने कर दी।
ज्ञात हो कि लेसा के राजभवन डिवीजन के अंतर्गत कूपर रोड उपकेंद्र में सुबह करीब 11 बजे बिजली सप्लाई ठप हो गई। इससे विक्रमादित्य मार्ग, माल एवेन्यू, गुलिस्तां कॉलोनी, महिला विधायक आवास, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी सहित कई वीआईपी इलाकों की बिजली सप्लाई ठप हो गई। इससे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्या, मोहसिन रजा, मुकुट बिहारी वर्मा, अनिल राजभर सहित तीन दर्जन से अधिक मंत्रियों के सरकारी आवास की बिजली गुल हो गई। इसके अलावा 150 से अधिक विधायक, विधान परिषद सदस्य, पूर्व मंत्री, न्यायाधीश व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भी बगैर बिजली के रहना पड़ा। इस दौरान बिजली सप्लाई को सुचारू रूप से चलाने के लिये लोगो ने अभियंताओं को फोन भी किया मगर अभियंताओ ने फोन नहीं उठाये।
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