भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को तीसरी उच्च स्तरीय वार्ता शुरू हुई। इस वार्ता का लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संपूर्ण रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करना है, जहां चीन अपना आर्थिक और सैन्य विस्तार की कोशिश कर रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के अपने समकक्षों क्रमश: माइक पोम्पिओ और मार्क एस्पर के साथ तीसरी 'टू प्लस टू वार्ता शुरू की। अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने संयुक्त बयान के दौरान कहा कि हमारे साझा मूल्यों और साझा हितों के आधार पर, हम सभी के लिए एक स्वतंत्र और ओपन इंडो-पैसिफिक के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, विशेष रूप से चीन द्वारा बढ़ती आक्रामकता और अस्थिर करने वाली गतिविधियों के मद्देनजर।
वार्ता ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत का पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी विवाद जारी है और (अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड) ट्रंप का प्रशासन व्यापार शुल्क और दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक सैन्य युद्धाभ्यास को लेकर उससे नाराज चल रहा है। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करते हुए दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी भारत के विवाद पर भी संक्षिप्त चर्चा की। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने इस बात पर संतोष जताया कि अमेरिकी मंत्री की यात्रा के दौरान बीईसीए समझौते (बुनियादी आदान-प्रदान और सहयोग समझौता) पर हस्ताक्षर होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले एस्पर और पोम्पिओ की इस यात्रा के कई मायने हैं। अमेरिका में तीन नवम्बर को राष्ट्रपति चुनाव है।
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