आतंकी डॉ. सैफुल्लाह मीर उर्फ गाजी हैदर के मारे जाने से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है। घाटी में हिजबुल की कमर टूट गई है। एक बार फिर यह आतंकी तंजीम नेतृत्व विहीन हो गया है। ऐसे में पाकिस्तान तथा आईएसआई को वादी में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में दिक्कतें सामने आ सकती हैं।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन अब नेतृत्वविहीन हो गया है। आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। स्थानीय आतंकी समर्पण कर दें तो उनके बेहतर भविष्य की कोशिश की जाएगी।
मई महीने में रियाज नायकू को मारकर सुरक्षा बलों के हाथ सबसे बड़ी कामयाबी लगी थी। इसके बाद सैफुल्लाह को कमान सौंपी गई थी। यह हिजबुल में सबसे लंबे समय से सक्रिय था। रियाज के बाद डिप्टी कमांडर माने जाने वाले जुनैद सेहरई को श्रीनगर में ढेर कर दिया गया। जुनैद हुर्रियत प्रमुख मोहम्मद अशरफ सेहरई का बेटा था, जो कश्मीर विश्वविद्यालय से एमबीए था। हिजबुल मुजाहिदीन का दक्षिणी कश्मीर में खासा प्रभाव है। वह मध्य कश्मीर और उत्तरी कश्मीर में भी अपनी पकड़ बनाने में जुटा हुआ है।
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