उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा कृत कार्यों का भाषायी विकास में योगदान विषय पर एक दिवसीय लघु संगोष्ठी का आयोजन किया गया
लखनऊः-उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर आज यहां इन्दिरा भवन स्थित संस्थान के कार्यालय परिसर में उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा कृत कार्यों का भाषायी विकास में योगदान विषय पर एक दिवसीय लघु संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ0 राजनारायण शुक्ल ने इस अवसर पर संस्थान के कार्यों का विश्लेषण करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किये और कहा कि भाषा संस्थान भाषायी विविधता को एकता में पिरोने का कार्य कर रहा है। संस्थान प्रदेश की समस्त लोक-भाषाओं, लोक-बोलियों के उत्थान हेतु निरंतर सक्रियता से कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो0 सूर्यप्रसाद दीक्षित ने भाषा संस्थान के वृहद स्वरूप की चर्चा करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान का गठन, भाषा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के अंतर्गत आने वाले समस्त भाषायी संस्थानों को नियंत्रण में रखते हुए विभिन्न भारतीय भाषाओं के विकास एवं उनके उत्तरोत्तर संवर्धन एवं उन्न्यन के लिए किया गया है। भाषा संस्थान को मुख्य रूप से भाषा के चार मुख्य कार्य- पढ़ना, लिखना, बोलना, समझना पर वर्ष पर्यन्त कार्य एवं कार्यक्रम करने चाहिए और संस्थान इस दिशा में गतिशील भी है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचासीन मुख्य अतिथि प्रो0 सूर्यप्रसाद दीक्षित, वरिष्ठ साहित्यकार, विशिष्ट अतिथि डाॅ0 हरिशंकर मिश्रा, विशिष्ट वक्ता प्रो0 अनिल कुमार विश्वकर्मा, एसो0 प्रो0, हिन्दी विभाग, जवाहरलाल नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बाराबंकी, विशिष्ट वक्ता डाॅ0 बलजीत श्रीवास्तव, सहायक आचार्य, डाॅ0 भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, एवं संस्थान के मा0 कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ0 राजनारायण शुक्ल द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर माॅ शारदे के समक्ष पुष्पार्चन कर किया गया। डाॅ0 चन्द्रकला शाक्य एवं आशीष ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। संस्थान के निदेशक हरि बख्श सिंह ने आगत अतिथि विद्वानों को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डाॅ0 हरिशंकर मिश्र ने भारतीय भाषाओं के सर्वांगीण विकास के लिए भाषा संस्थान के कार्यों की सराहना की और कहा कि संस्थान के कार्यक्रमों एवं भाषा संबंधी कार्ययोजनाओं का विस्तृत स्वरूप प्रस्तुत किया। विशिष्ट वक्ता डाॅ0 अनिल कुमार विश्वकर्मा ने भाषा संस्थान की वर्तमान कार्यक्रमों की प्रशंसा की। डाॅ0 बलजीत श्रीवास्तव, सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग भीमराव अंबेडकर केन्द्रीय विवि, ने संस्थान के गत 03 वर्षों के कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
झांसी में हुआ हादसा खिड़की तोड़कर बाहर निकाले...
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पूर्व मंत्री आशुतोष...
वाराणसी में 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र...
Lucknow: दरिंदगी, कट्टरता और अराजकता के खिलाफ शहर में...
यूपी में ठंड की आहट…आज भी इन 26 जिलों में बारिश का...
UP में फिर तबादले; योगी सरकार ने 8 जिलों के पुलिस कप्तान...