सेक्स्ड सीमेन का उपयोग मादा संततियों की प्राप्ति हेतु किया जा रहा
लखनऊ-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में गोंवशीय पशुओं में सेक्स्ड सीमेन (वर्गीकृत वीर्य) के उपयोग की योजना के सुचारू संचालन के लिए 12.30 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित कृत्रिम गर्भाधान की राज्य योजना में सामान्यतः सेक्स्ड सीमेन का उपयोग मादा संततियों की प्राप्ति हेतु किया जाता है। सेक्स्ड सीमेन के उपयोग से अधिक मादा संतति की प्राप्ति, अनुपयोगी नरवत्सों की संख्या में कमी, त्वरित आनुवंशिक उन्नयन, तेजी से पशु समूहों में बढ़ोत्तरी, सरल तरीके से संतति का उत्पन्न होना, अधिक दूध उत्पादन एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि जैसे लाभ हो रहे है। कृत्रिम गर्भाधान कार्य निःशुल्क रूप से कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं के माध्यम से किया जाता है।
पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी करते हुए योजना के सुनियोजित क्रियान्वयन के आवश्यक दिशा-निर्देश पशुपालन विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास को दे दिए गए है। शासनादेश में कहा गया है कि लाभान्वित पशुओं की संख्या एवं सूची की प्रामाणिकता का दायित्व निदेशक, प्रशासन एवं विकास, पशुपालन विभाग का होगा। स्वीकृत धनराशि का आहरण व व्यय योजना के समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देशों तथा शासनादेश में निहित व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा।
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