36 बैंक खातों के मालिक है रिटायर्ड आईएएस सत्येन्द्र सिंह
खनन घोटाले में सीबीआई के शिकंजे में फंसे रिटायर आईएएस सत्येन्द्र सिंह अब ED के भी निशाने पर हैं। ईडी भी जल्द ही उनके विरुद्ध मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करके अपनी जांच शुरू कर सकता है। इसके लिए ईडी ने सीबीआई की एफआईआर और उसके छापों में बरामद चल-अचल संपत्तियों के ब्योरे की छानबीन शुरू कर दी है। कौशाम्बी व लखनऊ के डीएम रहे सत्येन्द्र सिंह का सपा के शासनकाल में खासा दबदबा था। डीएम लखनऊ के पद पर रहते हुए उनके पास लंबे समय तक लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का भी चार्ज रहा। इससे पहले कौशाम्बी में डीएम रहते हुए वह खनन घोटाले में अपना हाथ काला कर चुके थे।
सीबीआई ने फिलहाल कौशाम्बी में हुए खनन पट्टे को लेकर एफआईआर दर्ज की है। इसमें उनके साथ कौशांबी के नेपाली निषाद, नर नारायण मिश्रा, रमाकांत द्विवेदी, खेमराज सिंह, मुन्नी लाल, शिव प्रकाश सिंह, राम अभिलाष व योगेंद्र सिंह के अलावा प्रयागराज निवासी राम प्रताप सिंह भी नामजद अभियुक्त हैं। सत्येंद्र सिंह और उनके करीबी रिश्तेदारों के लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद व दिल्ली के ठिकानों पर मंगलवार को की गई छापेमारी में सीबीआई को 10 लाख रुपये नकद व 51 लाख रुपये के फिक्स डिपाजिट समेत लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई सत्येन्द्र व उनके करीबियों के बैंक खातों व बैंक लॉकरों की भी जांच करेगा। सीबीआई व ईडी आपस में सूचनाएं साझा करते हैं। सीबीआई से पूरी जानकारी मिलने के बाद ईडी अपनी कार्रवाई शुरू करेगा। फिर सीबीआई की एफआईआर को ही आधार बनाकर ईडी केस दर्ज करेगा। सीबीआई के छापों में 36 बैंक खातों, छह बैंक लॉकर, 2.1 करोड़ रुपये मूल्य के जेवर और 44 अचल संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। इनकी जांच फिलहाल चल रही है।
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