प्रधानमंत्री की ओर से बातचीत फिर से शुरू करने के आमंत्रण के बाद किसान संगठन सरकार से वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान यूनियनों ने सोमवार को सरकार से अगले दौर की बातचीत के लिए एक तारीख तय करने के लिए कहा है। हालांकि, किसान यूनियनों ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर आपत्ति जताई जिसमें पीएम ने कहा था कि देश में आंदोलनजीवी नामक आंदोलनकारियों की एक नई नस्ल उभरी है। पीएम मोदी सोमवार को राज्यसभा में ने आंदोलन कर रहे किसानों से अपना आंदोलन समाप्त कर कृषि सुधारों को एक मौका देने का आग्रह करते हुए कहा कि यह समय खेती को खुशहाल बनाने का है और देश को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि देश श्रमजीवी और बुद्धिजीवी जैसे शब्दों से परिचित है लेकिन पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है और वह है आंदोलनजीवी। उन्होंने कहा, वकीलों का आंदोलन हो या छात्रों का आंदोलन या फिर मजदूरों का। ये हर जगह नजर आएंगे। कभी परदे के पीछे, कभी परदे के आगे। यह पूरी टोली है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकती। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा। वह हर जगह पहुंच कर वैचारिक मजबूती देते हैं और गुमराह करते हैं। ये अपना आंदोलन खड़ा नहीं कर सकते और कोई करता है तो वहां जाकर बैठ जाते हैं। यह सारे आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं।
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