भिवाड़ी। विद्युत निगम के भिवाड़ी उपखंड में एक दर्जन से अधिक ऐसे फीडर हैं, जहां बिजली छीजत अधिक मात्रा में है। निगम के आंकड़ों में भी ये फीडर चिन्हित हैं। बिजली चोरी रोकने के लिए फीडर इंचार्ज, कनिष्ठ अभियंताओं को जिम्मेदारी दी गई थी। निगम को राजस्व हानि से बचाने के लिए दो साल से यहां कई तरह के इंतजाम किए गए लेकिन उनका असर नहीं हो रहा है। इन क्षेत्रों में कनेक्शन से बिजली का उपयोग करने वालों से ज्यादा संख्या बिना कनेक्शन, कटिया डालकर बिजली चोरी करने वालों की है। यह सब आंकड़े निगम अभियंताओं को भी पता है, इसके बावजूद इन क्षेत्रों में छीजत पर लगाम नहीं लग रही है। इन क्षेत्रों में निगम ने बिजली चोरी करने वालों पर जुर्माना लगाने, नए उपभोक्ता बनाकर छीजत को कम करने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन इन क्षेत्रों में पहले की तरह ही बिजली चोरी हो रही है। मजदूर कॉलोनी, घर और अन्य प्रतिष्ठानों में हर महीने चोरी की बिजली का उपयोग हो रहा है। यह सब निगम अभियंताओं को मालूम होने के बाद भी चल रहा है। यहां छीजत रोकने में सफलता नहीं मिल रही है जिससे निगम को हर महीने करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा असर बिजली की छीजत में घटाल 11 केवी फीडर नंबर दो-तीन घटाल गांव, कहरानी प्रथम 11 केवी फीडर नंबर दो अमलाकी-ढाणी, कहरानी द्वितीय 11 केवी फीडर नंबर 4 गोधान, मुंडाना मेव फीडर नंबर एक रामपुरा, शाहडौद, रामपुरा मुंडाना फीडर नंबर दो मुंडाना मेव, पाश्र्वनाथ फीडर नंबर तीन सांथलका, पाश्र्वनाथ फीडर नंबर पांच आलमपुर, यूआईटी सेक्टर नौ बाबा मोहनराम खोली क्षेत्र, खिजूबरीबास फीडर खिजूरीबास-उदयपुर गांव, खानपुर फीडर खानपुर गांव, मिलकपुर फीडर नंबर एक-दो मिलकपुर गांव, मिलकपुर फीडर नंबर चार अरावली विहार, 220 केवी जीएसएस भिवाड़ी फीडर नंबर दो-छह सांथलका, बिलाहेड़ी गांव, 132 केवी जीएसएस फीडर नंबर एक-दो भिवाड़ी, नंगलिया गांव और आरएचबी सेक्टर एक, दो और तीन का क्षेत्र बिजली चोरी से प्रभावित है। यहां पर 15 से 80 फीसदी तक छीजत है।
नहीं मिल रही सफलता इन क्षेत्रों में बिजली चोरी रोकने के लिए निगम ने फीडर इंचार्ज को जिम्मेदारी सौंपी थी। इनका काम बिलिंग से लेकर बिजली चोरी रोकना था। चिन्हित क्षेत्रों में फीडर इंचार्ज, कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता को बिजली चोरी रोकनी थी, लेकिन अभी तक कोई खास परिणाम नजर नहीं आए हैं। निगम द्वारा प्रत्येक महीने फीडर से आपूर्ति होने वाले क्षेत्र से प्राप्त होने वाले राजस्व का विश्लेषण किया जाता है। करीब डेढ़ दर्जन फीडर ऐसे हैं जहां लॉस 30 प्रतिशत से अधिक हैं।
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