new delhi--सामान्य वर्ग को दस फीसदी आरक्षण देने वाले संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को पारित कराने के बाद सरकार आज (बुधवार) इसे राज्यसभा में पेश कर दिया है और बिल पर चर्चा हो रही है।बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा, समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव, बीजेडी के सांसद प्रसन्न आचार्य और जेडीयू सांसद राम चंद प्रसाद सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है।सपा के रामगोपाल ने भी इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन विधेयक के जरिये सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तय 50 फीसदी की सीमा को तोड़ा गया है। लेकिन अब जब इस सीमा को तोड़ ही दिया गया है तो अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में भी बढ़ोत्तरी कर उसे 54 फीसदी किया जाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय सीमा के कारण ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण ही दिया गया था जो उनकी आबादी के हिसाब से आधा था। इसी प्रकार एससी/एसटी के आरक्षण को भी बढ़ाकर 25 फीसदी किया जाए।कांग्रेस के आनंद शर्मा और सपा के रामगोपाल यादव ने चर्चा के दौरान चुनावों से ठीक पहले आनन-फानन में इस संविधान संशोधन विधेयक को लाए जाने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इसे आर्थिक रूप से कमजोर तबके के कल्याण के लिए नहीं बल्कि सरकार अपने फायदे के लिए लेकर आई है।रामगोपाल यादव ने उच्च न्यायपालिका में भी आरक्षण लागू करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि जो दस फीसदी आरक्षण सामान्य वर्ग के लिए दिया जा रहा है तथा उसके लिए आय का जो मानक रखा गया है, उसके दायरे में 98 फीसदी लोग आ जाएंगे। इस प्रकार इस श्रेणी में प्रतिस्पर्धा बेहद कठिन हो जाएगी। यादव ने चुटकी ली कि 98 फीसदी सामान्य वर्ग को सरकार दस फीसदी आरक्षण दे रही है तथा दो फीसदी सामान्य वर्ग के लिए 40 फीसदी बचा रही है।
देखा जाये तो सरकार के इस फैसले का कोई भी राजनीतिक पार्टी विरोध कर सवर्णो की नाराजगी मोल नही लेना चाहेगा।
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