Lucknow-कांग्रेस पार्टी ने देश के नीति आयोग के द्वारा जारी हालिया आंकड़ें जिसमें देश की बेरोजगारी को लेकर गहरी चिन्ता व्यक्त की गयी है, पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान भाजपा शासन में चाहे देश की सरकार हो या प्रदेश की, सबसे ज्यादा विश्वासघात हमारे देश के युवाओं के साथ हुआ है।
प्रवक्ता ने कहा कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ एवं देश के प्रधानमंत्री नित नई-नई योजनाएं एवं घोषणाएं करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सीमित होते जा रहे हैं। आज भी समाचारपत्रों में बेरोजगारी पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसमें प्रतिवर्ष 85 लाख रोजगार के अवसर की बात कही गयी है। 2011 यूपीए सरकार में जहां बेरोजगारी की दर 4.1 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 8.4 प्रतिशत हो गयी है। देश में हर साल 13.19 लाख नौकरी लायक युवा शिक्षण संस्थानों से निकल रहे हैं परन्तु सरकार उन्हें किसी भी स्तर पर न तो सरकारी, न अर्ध सरकारी न निजी क्षेत्रों में नौकरियां दे पा रही है।
श्री सिंह ने कहा कि विगत 2017 में नीति आयोग ने 70 लाख नौकरियों के सृजन की आवश्यकता बतायी थी जिसका अनुमान बढ़ाकर अब 85 लाख कर दिया है।
प्रवक्ता ने कहा कि नीति आयोग के ही आंकड़े के अनुसार एक करोड़ छियासी लाख अनुमानित बेरोजगार वर्ष 2018 में भारत में थे जिसकी संख्या तीस लाख और अधिक बढ़ने का अनुमान इस वर्ष है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले कई वर्षाें से देश में बेतहाशा बढ़ रही बेरोजगारी का मुद्दा उठाते रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण केन्द्र सरकार के 74 विभागों में खाली लाखों पद जो पिछले साढ़े चार वर्षों में नहीं भरे गये और इसी प्रकार देश के तमाम भाजपाशासित राज्यों में विभिन्न विभागों में लाखों-लाख पद रिक्त हैं। इस सरकारी क्षेत्र के अतिरिक्त नोटबन्दी के चलते सबसे ज्यादा रोजगार सृजित करने वाले निजी क्षेत्र बर्बाद हो गए जिसमें रियल इस्टेट नम्बर वन पर है, लघु एवं कुटीर उद्योगों का हाल और भी बुरा है। नीति आयोग के आये हालिया आंकड़ें कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी की उस धारणा एवं उनकी मांग की पुष्टि करती है जो देश के बेरोजगारों के लिए निरन्तर सरकार के समक्ष उठाते आ रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं देश के प्रधानमंत्री जुमलेबाजी बन्द करें और देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कैसे सृजित हो सकते हैं इसके बारे में ठोस कदम उठायें। हालांकि केन्द्र सरकार के पास अब कोई वक्त नहीं बचा है पूरा कार्यकाल पूर्ववर्ती सरकारों की निन्दा करने और आत्मघाती फैसले लेने में गुजर चुका है और हमारे देश का बेरोजगार युवा हताश और निराश रह गया।
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